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हरियाणा का ग्रामीण अंचल अब भी पानी-पानी

06:59 AM Jul 13, 2023 IST
हरियाणा का ग्रामीण अंचल अब भी पानी पानी
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 जुलाई
हरियाणा के 7 जिले बारिश से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अम्बाला में तो गांवों के अलावा शहर की भी दर्जनों कालोनियां जलमग्न हो चुकी हैं। इन सात जिलों में अम्बाला के अलावा करनाल, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और पानीपत शामिल हैं। इन जिलों की अधिकांश नहरें ओवरफ्लो हैं। नहरों में कई जगह कटाव होने से जलभराव की समस्या पैदा हुई है। स्थिति यह है कि इन जिलों में सैकड़ों गांवों में अब भी पानी भरा है और जिंदगी सामान्य नहीं हो पाई है।
सैकड़ों करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। फिलहाल सरकार प्रभावित एरिया के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने और जल निकासी के कार्यों में जुटी है। इसके बाद, नुकसान का आकलन किया जाएगा। सबसे अधिक नुकसान सड़कों को पहुंचा है। कई सड़कें जहां पूरी तरह से कट गई हैं, वहीं सैकड़ों की संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई गांवों का संपर्क शहरों से कट चुका है। सड़कों पर कई-कई फुट पानी भरा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार को वे अंबाला के प्रभावित इलाकों में गए। उन्होंने बारिश प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक बाढ़ की पुष्टि नहीं की है, लेकिन अम्बाला सहित इन बाकी जिलों के गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। शहरों की भी ऐसी कई कालोनियां हैं, जहां लोगों के घरों में कई-कई फुट पानी भर गया है। सबसे अधिक समस्या ढाणियों व डेरों में रहने वाले लोगों को आई है। हरियाणा रोडवेज की बस भी अब तक कई रूटों पर चल नहीं पाई हैं। उनके पहिये थमे हुए हैं। खेतों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। धान उत्पादक किसानों को नये सिरे से धान की रोपाई करनी पड़ सकती है। सबसे अधिक मार सब्जियों पर पड़ी है। जीटी रोड बेल्ट के काफी एरिया में किसान सब्जियों का उत्पादन करते हैं। इससे पशुपालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में खेतों में या तो पानी भरा है या फिर बरसाती पानी के कारण पशु चारा खराब हो चुका है।

कई जगहों पर तो खेतों में खड़ा पशु चारा पानी में भी बह चुका है। ऐसे में पशुपालकों के सामने पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। बुधवार को हरियाणा के जींद, हिसार, सिरसा, भिवानी आदि जिलों से पशु पालकों की यह समस्या सामने आई। बताया गया कि पशु चारे के अभाव में पशु भूखे मर रहे हैं। पशुपालकों के पास चारे का जो स्टॅाक था, वह समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में हैफेड के चेयरमैन को भी निर्देश जारी दिए हैं कि वे जिला स्तर पर पशुचारे के संबंध में फीडबैक लेकर तुरंत कार्रवाई करें। अम्बाला जिले में हालात सबसे अधिक खराब हैं। यहां बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। कई गांव जहां जलमग्न हैं, वहीं शहर की भी कई कालोनियों में लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। अहम बात यह है कि अम्बाला कैंट स्थित उनके खुद के घर में पानी घुसा हुआ है। इसके बावजूद, वे उन कालोनियों का दौरा करके जल निकासी का प्रबंध करवा रहे हैं, जहां जलभराव से लोग परेशान हैं। वे बारिश में भी लगातार अलग-अलग कालोनियों का दौरा करते रहे। बुधवार को भी उन्होंने जलभराव वाली कालोनियों का दौरा किया और अधिकारियों को तुरंत जल निकासी के आदेश दिए। विज ने चंडीगढ़ में बैठे आलाधिकारियों को भी इस बाबत हिदायतें दी हैं। विज अकेले ऐसे कैबिनेट मंत्री हैं, जो शुरू से ही जिले में सक्रिय हैं।
आला अफसरों ने संभाला मोर्चा: मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी प्रभावित जिलों में लगाई है। ये अधिकारी संबंधित जिलों में मोर्चा संभाल चुके हैं और आगामी आदेशों तक वहीं रहेंगे। बारिश से अत्याधिक प्रभावित जिलों में तैनात अधिकारी स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को करनाल, डॉ़ सुमिता मिश्रा पंचकूला, अंकुर गुप्ता अम्बाला, डॉ़ जी अनुपमा कुरुक्षेत्र, एके सिंह पानीपत, अरुण कुमार गुप्ता यमुनानगर तथा विकास गुप्ता कैथल जिले में बतौर इंचार्ज मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
स्टेशन छोड़ने पर पाबंदी : मौसम विभाग ने इस सप्ताह भी बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए सरकार के निर्देशों पर कई जिलों के डीसी ने निर्देश जारी करके अधिकारियों व कर्मचारियों के जिला मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। कोई भी अधिकारी डीसी की परमिशन के बिना अपना स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। सरकार ने दो-टूक कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहरों में जलभराव की समस्या को देखते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग भी अब एक्टिव हो गया है। मुख्यालय से सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अधिकारियों को पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध करने को कहा गया है। इतना ही नहीं, नालियों व नालों की सफाई में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के आदेश दिए हैं।
खट्टर और दुष्यंत ने लिया जायजा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बुधवार को प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर चलाकर अम्बाला जिले के हालात का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण लोगों के हुए नुकसान के एक-एक पैसे की भरपाई की जाएगी। उन्हाेंने कहा, ‘सभी बांध सुरक्षित हैं और खतरे के निशान से नीचे हैं। हमारी प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक मदद पहुंचाने की है।' फोटो : पानीपत एवं इंद्री -निस

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