मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

हरियाणा का पंजाब से पीयू मुद्दे को सुलझाने का फिर होगा प्रयास

07:55 AM Oct 29, 2024 IST

चंडीगढ़, 28 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कॉलेजों को मान्यता दिलाने तथा विवि की सीनेट में हरियाणा का हिस्सा बहाल करने का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। पंजाब विश्वविद्यालय को हरियाणा से अनुदान जारी करवाने तथा हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पर चर्चा के लिए पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया फिर से पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों तथा मुख्य सचिवों के साथ बैठक करेंगे। इस मीटिंग के लिए जल्द ही तारीख तय कर दी जाएगी। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एनजेडसी) की स्थायी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यपाल कटारिया इन दोनों मुद्दों को हल करने के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
पंजाब विश्वविद्यालय के लिए अनुदान का मामला केंद्र और पंजाब सरकार से जुड़ा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने पीयू को मिलने वाले वार्षिक अनुदान को 294 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 346 करोड़ रुपए कर दिया है, जिसमें 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का प्रावधान है। इसके अलावा, पंजाब सरकार भी पीयू के लिए वित्तीय सहायता के लिए विचार कर रही है।
हरियाणा सरकार ने वित्तीय सहायता के बदले पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर जिलों के कॉलेजों को पीयू से संबद्धता देने का अनुरोध किया है। यह मुद्दा अंतर्राज्यीय गतिरोध का कारण बन गया है, जिसमें पंजाब और हरियाणा के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाई है। पिछली बार हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विश्वविद्यालय के कुल व्यय का 40 प्रतिशत तक योगदान देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे अस्वीकार कर दिया था। पंजाब विधानसभा ने भी 30 जून 2023 को एक प्रस्ताव पारित कर पीयू की मौजूदा स्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध किया था। इसका कारण 1973 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना है, जिसके तहत हरियाणा ने पीयू से अपनी संबद्धता खो दी थी। पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित भी इस मामले में मध्यस्थता करके दोनों राज्यों की एक बैठक करवा चुके हैं। दूसरी बैठक से पहले पंजाब में राज्यपाल बदल गए और हरियाणा में मुख्यमंत्री बदल गए। इसके बाद पहले लोकसभा चुनाव और फिर हरियाणा में विधानसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते यह मामला बीच में ही लटका रहा। अब एक बार फिर से पंजाब के राज्यपाल की मध्यस्थता के साथ मुद्दे पर बैठक होने जा रही है।

Advertisement

Advertisement