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7 प्रतिशत जीएसटी देने वाले हरियाणा को वापस मिल रहा केवल 1 प्रतिशत

08:31 AM Aug 07, 2024 IST
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चंडीगढ़, 6 अगस्त (ट्रिन्यू)
रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर हरियाणा के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने आम लोगों को जीवन से मरण तक टैक्स के कुचक्र में फंसा दिया है। केंद्र सरकार हरियाणा से कुल 7.10 प्रतिशत जीएसटी इकट्ठा करती है। लेकिन बदले में हरियाणा को केवल 1.009 प्रतिशत हिस्सा ही दिया जाता है। यानी केंद्र सरकार हरियाणा से 7 रुपया ले रही है और केवल 1 रुपया वापस दे रही है।
दीपेंद्र ने कहा कि यह पूरे देश में सबसे कम है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का नाम है, जहां उसको 29 प्रतिशत, कर्नाटक में 39 प्रतिशत वापस दिया जा रहा है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो 29 प्रदेशों में सबसे कम यानी 6938 रुपया हरियाणा को मिल रहा है। अरुणाचल में 140000, गोवा में 40000 तेलंगाना में 25000 दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार की टैक्स नीति का विरोध करते हुए पेट्रोल-डीजल की एक्साइज पर राहत देने, इंडेक्सेशन और कैपिटल गेन टैक्स, जीवन बीमा, मेडिकल बीमा पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की। उन्होंने हरियाणा के साथ बजट में लगातार सौतेला व्यवहार किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार से हरियाणा को कोई नयी परियोजना मिलना तो दूर, यूपीए सरकार के समय हरियाणा के लिए मंजूर बड़ी परियोजनाओं को एक-एक करके दूसरे प्रदेशों में भेज दिया या ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये की मंजूरशुदा परियोजनाएं आज भी लंबित हैं। दीपेंद्र ने कहा कि महम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट, 2013 के रेल बजट में मंजूर हुई रेल कोच फैक्टरी, बाढ़सा एम्स-2 परिसर के बचे हुए 10 संस्थान, यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया नारायणगढ़-सढौरा, हिसार-अग्रोहा-फतेहाबाद तथा दिल्ली-गुड़गांव-नूंह-अलवर की नई रेल लाइन के अलावा दिल्ली-फरीदाबाद-मथुरा, दिल्ली-रोहतक-हिसार की रेपिड ट्रांसपोर्ट परियोजना को रद्द कर दिया।

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