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Haryana Politics: किरण चौधरी सहित तीन विधायकों की सदस्यता पर ‘तलवार’, कांग्रेस व जजपा ने स्पीकर को घेरा

07:19 PM Jul 26, 2024 IST
किरण चौधरी की फाइल फोटो।

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 26 जुलाई

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Haryana Politics: हरियाणा के तीन विधायकों की सदस्यता पर ‘तलवार’ लटकी है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता अभी तक तीनों के लिए मजबूत ‘दीवार’ बनकर खड़े हैं। ऐसे में कांग्रेस और जजपा ने स्पीकर की कार्यशैली और भूमिका पर ही सवाल उठा दिए हैं।

कांग्रेस विधायक आफताब अहमद और बीबी बतरा ने तो यहां तक कह दिया है कि स्पीकर संविधान के शैड्यूल-10 और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को स्पीकर से मुलाकात की।

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दुष्यंत अपनी ही पार्टी यानी जजपा के दो विधायकों – बरवाला से जोगीराम सिहाग और नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर स्पीकर से मिले। दोनों ही विधायकों के खिलाफ जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह की ओर से शिकायत की हुई है।

स्पीकर ने लम्बे समय के बाद दोनों विधायकों को नोटिस जारी करके इस मामले में सुनवाई करने का फैसला लिया है। दुष्यंत ने स्पीकर से मुलाकात करके उनसे आग्रह किया कि इस मामले में सप्ताहभर में सुनवाई करके फैसला किया जाए।

दोनों विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत आरोप लगे हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान दोनों ने ना केवल भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया बल्कि भाजपा के प्लेटफार्म पर भी शामिल हुए। रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इसके बाद भी खुलकर राज्य की मौजूदा नायब सिंह सैनी सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं।

दुष्यंत का कहना है कि पूर्व स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने उस समय इनेलो विधायकों की सदस्यता रद्द करने में जरा भी देरी नहीं की थी। अब चूंकि जजपा के विधायक भाजपा की बोली बोल रहे हैं, इसलिए स्पीकर फैसला करने में देरी कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर, तोशाम विधायक किरण चौधरी ने 18 जून को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 19 जून को उन्होंने भाजपा की सदस्यता हासिल की। दल-बदल कानून के तहत विधानसभा का कोई भी सदस्य अगर किसी दूसरे दल में शामिल होता है तो उसे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है। लेकिन किरण चौधरी ने इस्तीफा नहीं दिया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद और चीफ व्हिप बीबी बतरा ने 19 जून को ही स्पीकर को नोटिस देकर किरण को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की।

दोनों विधायकों ने 25 जून को दूसरा नोटिस दिया। स्पीकर ने इसे यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कांग्रेस ने याचिका दायर नहीं की है। हालांकि कांग्रेस ने याचिका भी दायर कर दी लेकिन विगत दिवस स्पीकर ने इसे भी रद्द कर दिया।

शुक्रवार को यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में बीबी बतरा व आफताब अहमद ने कहा कि स्पीकर ने कांग्रेस की याचिका दायर करके संविधान का उल्लंघन किया है। उनके फैसले को गैर-कानूनी बताते हुए उन्होंने कहा कि दल-बदल कानून के तहत याचिका दायर करने की भी जरूरत नहीं है।

नियमों के हिसाब से स्पीकर के नोटिस में यह बात आने के बाद उन्हें फैसला करना चाहिए। स्पीकर पर भाजपा के लिए काम करने के आरोप लगाते हुए दोनों विधायकों ने कहा कि नालागढ़ की अदालत से कालका विधायक प्रदीप चौधरी को एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई तो स्पीकर ने खुद ही संज्ञान लेते हुए दो ही दिन में प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द कर दी। लेकिन अब दल-बदल कानून के मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दोनों विधायकों ने एक बार फिर स्पीकर को शिकायत दी है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी लगाई है।

इस आधार पर रद्द हुई याचिका

स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों की याचिका को यह कहते हुए रद्द किया है कि याचिका के साथ जोड़े गए दस्तावेजों पर विधायकों के हस्ताक्षर नहीं हैं। बीबी बतरा व आफताब अहमद ने कहा कि कानून साइन की जरूरत इसलिए भी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने याचिका के साथ शपथ-पत्र भी दिया है। शपथ-पत्र में इस बात की पुष्टि की गई कि याचिका के साथ जोड़े गए सभी दस्तावेज सही हैं।

इन दस्तावेजों में किरण चौधरी के इस्तीफे की कॉपी, कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने से जुड़ी मीडिया में प्रकाशित खबरों की कटिंग और कांग्रेस की ओर से दिए गए दोनों नोटिस की कॉपी शामिल थीं। बतरा ने कहा कि स्पीकर ने अपनी कुर्सी की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा।

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