Haryana Political News हुड्डा को कोठी खाली करने का नोटिस, 15 दिन का समय मांगा
चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
Haryana Political News प्रदेश सरकार ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को सरकारी कोठी खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। हुड्डा के निजी स्टाफ ने इस कोठी को खाली करने के लिए पंद्रह दिन का समय मांगा है। चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित कोठी नंबर-70 उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में आवंटित की गई थी, और वे पिछले पांच वर्षों से यहां रह रहे थे। 8 अक्तूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद राज्य सरकार ने दो बार विधानसभा सत्र बुलाया, लेकिन कांग्रेस अभी तक विधायक दल के नेता (सीएलपी लीडर) का निर्णय नहीं कर पाई है। कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है, और सीएलपी लीडर नियुक्त होने के बाद ही उन्हें इस कोठी पर पुनः अधिकार मिल सकता है। स्पीकर हरविंद्र कल्याण इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करेंगे, लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी और खींचतान के कारण यह मामला लटका हुआ है।
कोठी में विपुल गोयल की रूचि
राज्य के राजस्व और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल को कोठी नंबर-70 बहुत पसंद है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में विपुल गोयल के पास यही कोठी थी। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद हुड्डा को यह कोठी पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अलॉट की गई। बाद में, मनोहर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के लिए सरकारी बंगला रखने का फैसला वापस ले लिया, जिसके बाद हुड्डा को कोठी खाली करनी पड़ी।
कांग्रेस के सत्ता परिवर्तन का असर
इसके बाद, विपुल गोयल को यह कोठी अलॉट की गई और वे 2019 तक उसमें रहे। 2019 के विधानसभा चुनावों में विपुल गोयल का टिकट कट गया और कांग्रेस 31 विधायकों के साथ प्रमुख विपक्षी दल बना। कांग्रेस ने हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाया। इसके बाद हुड्डा ने कोठी नंबर-70 को ही अपने नाम अलॉट करवाया। अब चूंकि अभी तक भी कांग्रेस सीएलपी लीडर का निर्णय नहीं कर पाई है। ऐसे में सरकार की ओर से हुड्डा को नोटिस जारी करके कोठी खाली करने को कहा है। हुड्डा की ओर से पंद्रह दिन का समय मांगा गया है। इस अवधि में अगर हुड्डा फिर से सीएलपी लीडर बन जाते हैं तो उन्हें फिर से यही कोठी मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
आगे की स्थिति
यदि इस समय के दौरान हुड्डा सीएलपी लीडर बनते हैं, तो उन्हें फिर से कोठी मिल सकती है, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता, तो यह कोठी विपुल गोयल को अलॉट की जा सकती है। फिलहाल गोयल के पास कोठी नंबर-68 है, लेकिन उनकी प्राथमिकता कोठी नंबर-70 ही है।