हरियाणा अब करों का एकमुश्त निपटारा
गुरुग्राम, 31 दिसंबर (हप्र)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के व्यापारी व कारोबारियों को नये साल का तोहफा देते हुए उनकी जीएसटी लागू होने से पहले के करों की लंबित अदायगी के मामलों के समाधान की मांग को पूरा कर दिया। उन्होंने गुरुग्राम से रविवार को आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त निपटान (ओटीएस) योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत पहली जनवरी, 2024 से 30 मार्च, 2024 की अवधि में 7 अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित मामलों में लंबित करों की अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट दी जाएगी। इसकी 4 श्रेणी निर्धारित करते हुए करों की अदायगी की जा सकेगी। यह 7 कर अधिनियम जीएसटी लागू होने से पहले प्रभावी थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) गुरुग्राम के साथ मिलकर जीएसटी प्रशिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्कीम विभाग की 30 जून 2017 तक की अवधि के तहत बकाया टैक्स राशि के निपटान का मौका देगी। इसके तहत वैट की 7 अलग-अलग टैक्स समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
4 श्रेणी में मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओटीएस योजना के तहत टैक्स राशि को 4 कैटेगरी में बांटा गया है। इसमें स्वीकृत शुल्क श्रेणी में ऐसे शुल्क को शामिल किया गया है, जिसमें कोई विवाद नही है। इस श्रेणी में करदाता को बिना जुर्माने व ब्याज के 100 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। विवादित कर कैटेगरी के तहत 50 लाख रुपये से कम आउटस्टैंडिंग राशि पर 30 प्रतिशत व 50 लाख से अधिक आउटस्टैंडिंग राशि पर 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। तीसरी श्रेणी निर्विवादित कर के तहत विभाग द्वारा जो टैक्स बनाया गया है व इसमें करदाता की ओर से कोई अपील नहीं की गई है, ऐसी टैक्स आउटस्टैंडिंग में 50 लाख रुपये से कम टैक्स राशि पर 40 प्रतिशत व 50 लाख से ऊपर राशि होने पर 60 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इस श्रेणी में भी करदाता को जुर्माने व ब्याज राशि में राहत दी गई है।
चौथी श्रेणी में अन्तरीय कर में टैक्स रेट की अंतर वाली आउटस्टैंडिंग को शामिल किया गया है। इस श्रेणी में करदाता को राहत देते हुए कुल आउटस्टैंडिंग की केवल 30 प्रतिशत राशि भुगतान करने की छूट दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में आसान किश्त जैसी सुविधा को भी जोड़ा गया है। जिस करदाता की टैक्स आउटस्टैंडिंग 10 लाख से नीचे है, उसे पूरी आउटस्टैंडिंग 30 मार्च से पहले एकमुश्त जमा करनी होगी। 10 लाख से 25 लाख की टैक्स आउटस्टैंडिंग में करदाता को दो किश्तों में 50-50 प्रतिशत की किश्तों में बकाया राशि जमा करानी होगी। 25 लाख से अधिक आउटस्टैंडिंग होने पर पहले 90 दिन की अवधि में पहली किस्त के रूप में 40 प्रतिशत राशि, अगले 90 दिन की अवधि में दूसरी किश्त के रूप में 30 प्रतिशत व आगामी 90 दिनों में अंतिम किश्त के रूप में 30 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री ने शहरी स्वामित्व योजना का जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय निकाय की भूमि पर काबिज दुकानदारों को मालिकाना हक देने के लिए शुरू की गई योजना को अब विस्तार दिया जाएगा। अलग-अलग विभागों की जमीन पर बनी दुकान का स्थानीय निकाय को किराया अदा करने वाले दुकानदारों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। आबकारी एवं कराधान आयुक्त अशोक कुमार मीणा, विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र कल्याण, व्यापारी कल्याण बोर्ड, हरियाणा के अध्यक्ष बाल किशन अग्रवाल व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
66 हजार करोड़ राजस्व मिलेगा : दुष्यंत
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस योजना के लिए विधानसभा सत्र में नया विधेयक पारित करवाया गया। उन्होंने कहा कि हरियाणा छोटा राज्य होने के बावजूद देश में कर संग्रह में पहले 5 राज्यों में शामिल है। आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी दुष्यंत चौटाला के पास है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सबसे बेहतर कर इंफ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने कहा कि ओटीएस स्कीम के लागू होने के बाद 31 मार्च तक प्रदेश में कर संग्रह का आंकड़ा 66 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है, जबकि विभाग को 58 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया हुआ है।