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Haryana News : वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों, लोक गीतों ने बांधा समां

08:06 AM Dec 01, 2024 IST
haryana news   वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों  लोक गीतों ने बांधा समां
कुरुक्षेत्र में शनिवार को ब्रह्मसरोवर के तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 30 नवंबर (हप्र)
भारत के विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों और उनके मधुर संगीत ने ब्रह्मसरोवर का समां बांधा। इन वाद्य यंत्रों की धुनों और लोक गीतों को सुनने के लिए ब्रह्मसरोवर के दक्षिण तट पर दर्शकों का तांता लग गया। इन प्रस्तुतियों को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में विशेष तौर लेकर पहुंचे हैं। महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला की तरफ से ब्रह्मसरोवर के घाटों पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के प्रथम चरण में जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ राज्यों के कलाकार अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को अपने नृत्यों और लोक गीतों के माध्यम से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। यह कलाकार राउफ, कुल्लू नाटी, गाथा गायन, छपेली, शामी, गुदुम बाजा, करमा, राई और पंजाब के लुडी आदि लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे है। इन लोक नृत्यों में बजने वाले वाद्य यंत्र लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे है और लोक गीत दर्शकों के मन पर अपनी अनोखी छाप छोड़ रहे है। इन राज्यों की कला का संगम देखते ही बन रहा है और इस संगम को देखकर हर किसी के चेहरे पर उत्साह, जोश, साफ नजर आ रहा है। एनजेडसीसी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह व राजेश बस्सी का कहना है कि एनजेडसीसी के निदेशक, केडीबी और प्रशासन के विशेष अनुरोध करने पर लोक कलाकारों को अलग-अलग चरणों में आमंत्रित किया गया है। भूपेंद्र सिंह का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष कच्ची घोड़ी के कलाकार पहुंचते हैं। यह कलाकार राजस्थान से संबंधित है और इस बार भी कच्ची घोड़ी का ग्रुप यहां पहुंचा है। एनजेडसीसी की तरफ से हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी स्टिक वॉकर कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है। महोत्सव-2024 में शिल्प का सिराज बिहार के गांव भागलपुर से महिलाओं के लिए शिल्क की साडियां, सूट और दुपट्टे बनाकर लाए हैं। इस महोत्सव में 1000 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक के सूट और साडियां लाए हैं। जब से गीता जयंती शुरू हुई है तब से शिल्पकार महोत्सव में पहुंच रहे है।

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‘वापस लिया जाये बाउंसर तैनात करने का फैसला’

थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा गीता जयंती महोत्सव में बिंडे लेकर बाउंसर तैनात करने की कड़ी निंदा की और चेतावनी दी है कि यदि इन बाउंसरों को नहीं हटाया गया तो इसकी शिकायत राज्यपाल मुख्यमंत्री से करेंगे। अशाेक अरोड़ा केडीबी मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ लाडवा के पूर्व विधायक मेवा सिंह भी उपस्थित थे। मेवा सिंह ने भी गीता जयंती महोत्सव पर बाउंसर नियुक्त करने की कड़ी आलोचना करते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। अरोड़ा ने कहा कि गीता जयंती एक धार्मिक उत्सव है। इस उत्सव में काले कपड़े पहने बिंडे लेकर बाउंसर तैनात करना शोभा नहीं देता। बाउंसरों की तैनाती सरकार व पुलिस प्रशासन की विफलता का प्रतीक है। इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल है।

‘गीता ने मानवता को दिया आध्यात्मिक ज्ञान’

हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। यहां भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिये गीता के श्लोकों ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े। कई महान संत व गुरु इस धरा पर पहुंचे है। वे शनिवार देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इसलिए इस धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

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