Haryana News : सोनीपत अस्पताल में थप्पड़ विवाद, डॉक्टर और कर्मचारी आमने-सामने
सोनीपत, 7 नवंबर (हप्र)
स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच विवाद अब खरखौदा के उप स्वास्थ्य केंद्र से निकलकर सोनीपत के नागरिक अस्पताल में पहुंच गया है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. आशा सहरावत व स्टाफ नर्स राजेश पर अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने गालियां देने व थप्पड़ मारने के आरोप लगाए हैं। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान लिए हैं।
वहीं, शिकायत अस्पताल के सिविल सर्जन को भी दी गई। सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन करने की बात कहते हुए कहा है कि यह मामला खरखौदा विवाद से जुड़ा हुआ है। इधर, डॉ. आशा सहरावत ने आरोपों को झूठा बताया है।
जिला नागरिक अस्पताल के एक्सरे कक्ष नंबर-61 में कार्यरत चतुर्थ कर्मी दीपक ने सिविल सर्जन व प्रधान चिकित्सा अधिकारी के नाम दी शिकायत में बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह करीब सवा 10 बजे वह ड्यूटी पर तैनात था तो उप सिविल सर्जन एवं नोडल अफसर डॉ. आशा सहरावत व स्टाफ नर्स राजेश उनके कक्ष में पहुंचे। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि दोनों ने उसके साथ गाली-गलौच की और फिर उसे बाहर बुलाकर थप्पड़ मारे। दीपक ने दावा किया है कि यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। फुटेज निकलवाकर चेक करवाई जा सकती है। अपनी शिकायत में दीपक ने यह भी कहा कि जिस समय उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था तो कई मरीज व उनके स्टाफ के कई सदस्य वहां मौजूद थे।
अचानक नहीं हुआ विवाद
बताया गया है कि सोनीपत के जिला नागरिक अस्पताल में हुआ कथित थप्पड़ विवाद अचानक नहीं हुआ बल्कि इसके पीछे खरखौदा में पिछले दिनों चले लंबे विवाद को कारण माना जा रहा है। खरखौदा में कई माह पहले तत्कालीन एसएमओ डॉ. आशा सहरावत और स्टाफ नर्स राजेश के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया था, जिसके बाद दोनों का वहां से तबादला भी कर दिया गया था। कर्मचारियों व इन अधिकारियों के बीच अब विवाद नागरिक अस्पताल में भी शुरू हो गया है। सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। दोनों पक्षों की बात को सुना गया है और मामले की जांच की जा रही है। मामला मनमुटाव का है और खरखौदा से चला आ रहा है। जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर कसूर किसका है। जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।
आरोप बेबुनियाद
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. आशा सहरावत ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि उन्होंने किसी को थप्पड़ नहीं मारे हैं। उन्होंने कहा कि बिना बात बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है। रुटीन विजिट में जो कर्मचारी काम के प्रति लापरवाह मिलते हैं, उन्हें टोका जाता है, कार्रवाई की जाती है। कार्रवाई से बचने के लिए कुछ कर्मचारी इस तरह के आरोप लगाते हैं।