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Haryana News : लेह लद्दाख में देश सेवा के दौरान शहीद हुए संजय सिंह पंचतत्व में विलीन, पत्नी-बेटे ने किया सैल्यूट; हर आंख हुईं नम

08:42 PM Jul 09, 2025 IST
haryana news   लेह लद्दाख में देश सेवा के दौरान शहीद हुए संजय सिंह पंचतत्व में विलीन  पत्नी बेटे ने किया सैल्यूट  हर आंख हुईं नम
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बहादुर सैनी/ निस
सीवन, 9 जुलाई
Haryana News : कवारतन के वीर सपूत संजय सिंह को आज उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए और सभी की आंखें नम थीं।

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अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद की पत्नी सीमा व दोनों बेटों ने पिता को सैल्यूट किया। इसके बाद सेना के जवानों ने सैन्य परंपराओं के तहत सलामी देते हुए मातमी धुन बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहीद के बड़े बेटे हरप्रीत ने पिता को मुखाग्नि दी। शहीद संजय सिंह लेह लद्दाख में देश सेवा के दौरान अचानक आई स्वास्थ्य समस्या के चलते वीरगति को प्राप्त हुए थे।

उनके चचेरे भाई जागर सिंह ने बताया कि देश की सीमाओं पर तैनाती के दौरान मौसम की विकट परिस्थितियों और स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण यह दुखद घटना घटित हुई है। उन्होंने हमेशा राष्ट्रसेवा को अपना धर्म माना और उसी पथ पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। प्रशासन की ओर से एसडीएम गुहला कैप्टन प्रमेश सिंह, एसडीएम कैथल अजय सिंह ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद संजय को श्रद्धांजलि देने उपरांत कहा कि उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।

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उनका समर्पण, वीरता और त्याग हर भारतवासी के दिलों में अमर रहेगा। गुहला से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस ने भी शहीद संजय की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि प्रदान की। विधायक देवेंद्र हंस ने कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार और समाज हर परिस्थिति में उनके परिवार के साथ खड़े रहेंगे। उनका यह सर्वोच्च बलिदान देश की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। विधायक ने शोक संतप्त परिवार को हरसंभव सहायता दिलाने का भरोसा भी दिलाया।

भाजपा जिलाध्यक्ष ज्योती सैनी ने भी शहीद को श्रद्धांजलि प्रदान करते हुए परिवार को ढांढस बंधाया। शहीद संजय सिंह के परिवार में उनकी पत्नी सीमा, दो बेटे 14 वर्षीय हरप्रीत व 11 वर्षीय हर्षदीप सिंह के अलावा बुजुर्ग माता है। हाल ही में उनके पिता का निधन हुआ था और वे अंतिम संस्कार के बाद फिर से ड्यूटी पर लौट गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि संजय का सपना बचपन से ही सेना में जाने का था। उन्होंने वर्ष 2004 में 10 सिख रेजिमेंट में भर्ती होकर सपना पूरा किया और तभी से देश सेवा में लगे हुए थे।

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