Haryana News : सफीदों का नागक्षेत्र संकट में, उपेक्षा से बदहाल ऐतिहासिक स्थल
रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 24 नवंबर
महाभारतकालीन नागक्षेत्र परिसर जो ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, प्रशासनिक उपेक्षा और कुप्रबंधन का शिकार हो रहा है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आने वाला यह स्थल अब गंदगी, अव्यवस्था और असुरक्षा का केंद्र बन चुका है, जिससे स्थानीय लोग और श्रद्धालु दोनों परेशान हैं।
करीब 1.30 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए नए भवन का निर्माण तीन साल पहले रिकॉर्ड में पूरा हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी आवश्यक बिजली-पानी कनेक्शन और उचित रखरखाव की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। नगर पालिका के सचिव रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें भवन टेकओवर को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है और वह छुट्टी से लौटकर इस पर विचार करेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि इस ऐतिहासिक स्थल की देखरेख के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं बनाई गई है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
नशेड़ियों का अड्डा बना परिसर
नागक्षेत्र परिसर का मुख्य घाट अब नशेड़ियों का अड्डा बन गया है, जहां खुलेआम नशा किया जाता है और शौच जैसी गंदगी फैलाई जाती है। मंदिर के पुजारी यतेंद्र कौशिक ने बताया कि यहां आने वाले श्रद्धालु असुरक्षा महसूस कर रहे हैं और उनका धार्मिक अनुभव बाधित हो रहा है। घाट पर फैली गंदगी और कचरा लोगों के लिए भारी परेशानी का कारण बन रही है। यह स्थिति धार्मिक स्थल की पवित्रता को नष्ट कर रही है।
नागसरोवर की दुर्दशा, लोगों ने की समाधान की मांग
पश्चिमी यमुना नहर से जुड़े नागसरोवर में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। सरोवर का पानी सड़ने लगता है, जिससे यहां की स्थिति और भी खराब हो जाती है। जब नदी का पानी कम होता है, तो सरोवर का पानी एक स्तर तक नदी में चला जाता है, जिससे पानी की सड़ांध और कचरा घाट के पास इकट्ठा हो जाता है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। ्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो यह ऐतिहासिक स्थल अपनी धार्मिक महत्ता खो देगा। अब प्रशासन और नगर पालिका से उम्मीद की जा रही है कि वे मिलकर इस स्थल की खोई हुई गरिमा को वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाएं और इसे एक सुरक्षित और स्वच्छ धार्मिक स्थल बनाने के प्रयास करें।