Haryana News : पीएम-कुसुम योजना डार्क जोन में जल संरक्षण को सौर ऊर्जा से मिलेगी नयी ताकत
चंडीगढ़, 16 दिसंबर (ट्रिन्यू)
प्रदेश सरकार, डार्क जोन और खिसकते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म सिंचाई और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। पीएम-कुसुम योजना के तहत प्रदेश में अब तक 1.37 लाख सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। इन सोलर ट्यूबवेलों से न केवल किसानों के बिजली खर्च में कमी आई है, बल्कि जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है। रेतीले क्षेत्रों में सोलर पंपों का सबसे ज्यादा उपयोग देखा गया है। हिसार, सिरसा, और जींद जिलों में इनकी संख्या सबसे अधिक है। वहीं, हरियाणा के जीटी बेल्ट (धान उत्पादक क्षेत्र) में सोलर पंपों के प्रति किसानों का उत्साह कम है। अम्बाला, पंचकूला, और पानीपत जैसे जिलों में इनकी संख्या काफी कम है। 2024-25 में केंद्र सरकार ने पीएम-कुसुम योजना के तहत हरियाणा को 198 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी है। पिछले तीन वर्षों में भी यह राशि बढ़ाकर 429.78 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। राज्य सरकार इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप पर 75% तक की सब्सिडी दे रही है। सरकार का लक्ष्य है कि डार्क जोन में सिंचाई को सोलर पंपों के जरिए टिकाऊ बनाया जाए।
जीटी बेल्ट में रुझान कम क्यों?
धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध जीटी बेल्ट के जिलों में सोलर पंपों का उपयोग सीमित है। पंचकूला, अम्बाला और पानीपत में इनकी संख्या 1,000 से भी कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि धान की अधिक पानी की जरूरत और किसानों की परंपरागत खेती की आदतों के कारण इस क्षेत्र में सोलर पंपों का रुझान कम है।
आगे का रोडमैप
सरकार का उद्देश्य सौर ऊर्जा के माध्यम से हरियाणा को जल और ऊर्जा संरक्षण में आत्मनिर्भर बनाना है। रेतीले क्षेत्रों में इस पहल की सफलता को देखते हुए इसे अन्य जिलों में बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। वहीं, जीटी बेल्ट के किसानों को जागरूक कर उन्हें भी सौर पंपों की उपयोगिता के प्रति प्रेरित करने के प्रयास जारी हैं।