Haryana News: सभी जिलों में बनने थे वृद्धाश्रम, शुरू हुआ सिर्फ रेवाड़ी में, वहां भी अव्यवस्थाएं
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 16 अप्रैल
Haryana Old Age Home: हरियाणा में वृद्धाश्रम के मामले में मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में अधिकारियों को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है। इससे पहले 31 जनवरी को आयोग ने आदेश दिए थे। सरकार के पास से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पहली अप्रैल तक प्रदेश में केवल रेवाड़ी जिले में ही वृद्धाश्रम शुरू हो पाया है। आयोग इस मामले में 29 जुलाई को सुनवाई करेगा।
संबंधित अधिकारियों से आयोग ने सुनवाई के दौरान विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश सरकार ने बेसहारा, अकेले और घर से निकाले गए बुजुर्गों को आश्रय देने के लिए हर जिले में वृद्धाश्रम बनाने का फैसला लिया था। रेवाड़ी में 170 बुजुर्गों को रखने की क्षमता का वृद्धाश्रम बनाया गया है। इसमें सुविधाएं नहीं होने की वजह से वर्तमान में इस वृद्धाश्रम में केवल 12 बुजुर्ग रह रहे हैं। इनमें 9 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। वर्चुचली निरीक्षण में पाया गया कि यहां सफाई, रसोई और शौचालयों की स्थिति काफी खराब है। पूरे वृद्धाश्रम में केवल एक सफाई सेवक नियुक्त है। रेवाड़ी में इसका उद्घाटन 6 जनवरी, 2023 को हुआ था।
पांच जिलों – झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक व सिरसा में वृद्धाश्रम के लिए अभी तक जमीन का ही चयन नहीं हो पाया है। हालांकि पांच जिलों - गुरुग्राम, कैथल, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और नूंह में भूमि चिह्नित की जा चुकी है। निर्माण को लेकर अभी प्रक्रिया चल रही है। सात जिलों - फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और यमुनानगर में निर्माण कार्य के लिए टाउन प्लानिंग विभाग की मंजूरी लंबित है।
करनाल (स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत) और पंचकूला (माता मनसा देवी ट्रस्ट के तहत) में वृद्धाश्रम निर्माण कार्य प्रगति पर है। आयोग चेयरमैन जस्टिस ललित बतरा तथा सदस्यों - कुलदीप जैन और दीप भाटिया के फुल कमीशन ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम-2007 की धारा-19 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम होना अनिवार्य है। वृद्धों के सम्मान और जीवन की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की जिम्मेदारी तय की गई।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने निम्नलिखित अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया है। आयोग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक (सीए), विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को नोटिस जारी किया है। आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि इन अधिकारियों से 29 जुलाई तक विस्तृत कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है।