Haryana News : अब बार-बार नहीं बदली जाएगी वर्दियां, हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों के लिए जारी की गाइडलाइन
चंडीगढ़, 8 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Haryana News : हरियाणा सरकार ने एक तरफ जहां गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है वहीं निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को एडवाइजरी जारी करके कहा है कि वह अभिभावकों पर प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने का दबाव न बनाएं। इसके अलावा क्लासवाइज स्कूल बैग के वजन के नियम को सख्ती से फॉलो करें। वहीं हर साल यूनिफॉर्म न बदलने समेत छह निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा निदेशालय की तरफ से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी करके निजी स्कूलों को गाइडलाइन से अवगत करवाने के लिए कहा गया है। स्कूल अगर नियमों का पालन नहीं करते तो माता-पिता इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर जारी करने को कहा गया है। इसके अलावा अधिकारियों को खुद भी सरप्राइज चेकिंग कर नियमों के उल्लंघन की जांच करने के लिए कहा गया है।
सरकार द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों को केवल एनसीईआरटी या सीबीएसई से मान्यता प्राप्त पुस्तकों को ही अनिवार्य बनाना चाहिए। स्कूल ऐसी पुस्तकें रोकें, जो न तो जरूरी हैं और न ही नीति के अनुरूप हैं। विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि यूनिफॉर्म में हर वर्ष बदलाव न किया जाए। इसके अलावा, उन्हें अधिकृत विक्रेताओं से ही ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए।
हर बार स्कूल कुछ किताबों में मामूली बदलाव कर देता है। इससे पेरेंट्स नए सिरे से सिलेबस खरीदने के लिए मजबूर होते है। इसे देखते हुए आदेश में कहा गया है कि छात्रों को पुरानी किताबें उपयोग करने से हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। पुराने किताबों का उपयोग पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी है।
विभाग ने कहा है कि कुछ स्कूलों में छात्रों को केवल अपनी बोतल से पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जबकि, नियम के अनुसार हर स्कूल में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता अनिवार्य है। बच्चों को स्कूल के अंदर पानी पीने से वंचित रखना नियमों के खिलाफ है।
ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूल छोटे-छोटे बच्चों पर भारी भरकम बैग लाद देते हैं। बचपन के लिहाज से यह उनकी सेहत के लिए नुकसानदेय है। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र निर्धारित सीमा से अधिक वजन के बैग न उठाएं।