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Haryana News : नर्सिंग संस्थान के भवन की 6 साल में नहीं लगी एक भी ईंट

10:50 AM Nov 28, 2024 IST
सफीदों के नर्सिंग संस्थान में भवन निर्माण के लिए लगे शिलान्यास पत्थर। -निस

रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 27 नवंबर

हरियाणा सरकार के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता (अब दिवंगत) टीसी गर्ग के अनुरोध पर 6 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सफीदों में राजकीय नर्सिंग संस्थान की स्थापना तो की लेकिन आज तक एक भी ईंट नहीं लगायी। घोषणा के साथ ही चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने यहां के राजकीय सरला मेमोरियल महिला कॉलेज के ऊपरी भवन में तीन नर्सिंग कोर्सों की पढ़ाई 180 छात्राओं के साथ शुरू की।
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44 करोड़ हो चुके स्वीकृत

इस संस्थान का भवन महिला कॉलेज परिसर के साथ की साढ़े चार एकड़ जमीन में बनाया जाना है। इसकी ड्राइंग बन चुकी और सरकार द्वारा इसके भवन के निर्माण को 44 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत है। इस भवन के शिलान्यास की रस्म तीन बार अदा की जा चुकी है। पहली बार साढ़े पांच वर्ष पूर्व जींद में आयोजित एक कार्यक्रम में डिजिटली शिलान्यास किया गया। दूसरी बार, 11 फरवरी, 2019 को नींव पत्थर लगाया गया और तीसरी बार 24 फरवरी, 2024 को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज परिसर से डिजिटली शिलान्यास किया गया। 11 फरवरी, 2019 को शिलान्यास समारोह में संस्थान के पहले बैच की छात्राओं ने कैंडल सेरेमनी की। तीनों बार ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रस्म निभाई।
आज पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश जैन, बंधु सेवा संघ के प्रधान साधुराम बंधु व पालिका के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष मनोज दीवान सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों ने भवन निर्माण व बस सेवा की पैरवी के लिए विधायक दादा रामकुमार गौतम से अनुरोध करने का फैसला लिया।

चिकित्सा शिक्षा मुख्यालय में अटकी फाइल

इस भवन के निर्माण का काम सरकार ने हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को सौंपा हुआ है। इस कारपोरेशन के कार्यकारी अभियंता कपिल कुमार ने आज बताया कि बजट स्वीकृत है और भवन की पूरी ड्राइंग तैयार है। बस बजट उपलब्ध होने की देर है लेकिन बजट की फाइल चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मुख्यालय में कहीं अटकी है। उन्होंने बताया कि इसके बजट के लिए कई पत्र उनकी कारपोरेशन के मुख्यालय से चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के मुख्यालय को लिखे जा चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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बस सेवा न होने से छात्राएं परेशान

संस्थान में देशभर की 600 से अधिक छात्राएं दाखिल हैं जिनमें कई छात्राएं जम्मू कश्मीर व केरल राज्य की हैं। संस्थान की करीब 100 छात्राएं नौकरी लग चुकी हैं जिनमें 50 के करीब देश के विभिन्न एम्स में सेवारत हैं। यहां दाखिल छात्राओं को वर्ष में 6 माह प्रैक्टिकल के लिए करनाल व खानपुर के मेडिकल काॅलेजों तथा जींद व पानीपत के अस्पतालों में जाना पड़ता है और इसके लिए बस सुविधा उपलब्ध नहीं। ऐसे में मजबूरीवश छात्राओं को किराए का घर व अन्य खर्च झेलने पड़ रहे हैं। सरकार द्वारा 6 महीने पहले मंजूर चार बसों की निविदा भी हो चुकी है लेकिन वर्क आॅर्डर जारी नहीं हुए।

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