मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Haryana News: कैथल के SP की मुश्किलें बढ़ी, विधानसभा कमेटी का करेंगे सामना

01:10 PM Jan 16, 2025 IST
एसपी राजेश कालिया की फाइल फोटो।

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 16 जनवरी

Advertisement

Haryana News: हरियाणा के जिलों के अधिकारियों पर सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के निर्देशों का असर नहीं हो रहा है। सरकार के आदेशों के बाद भी अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों का तिरस्कार किया जा रहा है। कैथल जिले के गुहला-चीका हलके से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस ने एसपी राजेश कालिया की लिखित शिकायत दी है। विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने शिकायत पर कड़ा नोटिस लिया है।

हरविन्द्र कल्याण ने यह पूरा मामला विधानसभा की प्रोटोकॉल मानदंडों का उल्लंघन (वॉयलेशन ऑफ प्रोटोकॉल नॉर्म्स) कमेटी के चेयरमैन के पास भेज दिया है। यानी अब कैथल के एसपी को प्रोटाेकॉल उल्लंघन के मामले में विधानसभा की इस पावरफुल कमेटी का सामना करना होगा।

Advertisement

सूत्रों का कहना है कि स्पीकर अधिकारियों द्वारा की जा रही विधायकों की अनदेखी को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात भी कर सकते हैं।

यह पहला मामला नहीं

अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं करने का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी कई सांसदों व विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने और सुनवाई नहीं करने का मामला उठाया जा चुका है। भाजपा की बैठकों में भी कई बार यह मामला उठता रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को दो-टूक कहा हुआ है कि वे जनप्रतिनिधियों की सुनवाई करें।

मनोहर सरकार में था अधिकारियों को फ्री हैंड

पूर्व की मनोहर सरकार के समय अधिकारियों को काफी फ्री-हैंड मिला हुआ था। उस समय विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी विधायकों की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कई अधिकारियों को विधानसभा की विशेषाधिकार हनन कमेटी के सामने पेश होने काे मजबूर कर दिया था।

कई बार किया फोन, पर नहीं उठाया

देवेंद्र हंस द्वारा स्पीकर को की गई शिकायत में कहा है कि 2 व 3 जनवरी को उन्होंने बीस से भी अधिक बार कैथल एसपी राजेश कालिया को फोन किया। एसपी ने न तो फोन उठाया और न ही उनकी ओर से बैक-कॉल की गई।

वहीं सीएमओ की ओर से दिए गए निर्देशों में अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर वे किसी कारण से जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठा पाते तो वे बैक-कॉल करें। पिछले दिनों हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री फरीदाबाद में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक लेने पहुंचे। इस बैठक में फरीदाबाद के डीसी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे, लेकिन फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त बैठक में नहीं आए। इस पर राव नरबीर सिंह ने कड़ा नोटिस लिया था।

प्रोटोकॉल में विधायक मुख्य सचिव से ऊपर

विधायक प्रोटोकॉल में प्रदेश के मुख्य सचिव से भी ऊपर हैं। यह मामला विधानसभा में भी कई बार उठ चुका है। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने जिस तरह से देवेंद्र हंस की शिकायत पर कड़ा नोटिस लिया है, उससे स्पष्ट है कि वे अधिकारियों द्वारा प्रोटाेकॉल उल्लंघन के मामलों को हल्के में नहीं लेंगे। बहुत संभव है कि वे मुख्यमंत्री के सामने यह मामला रखें। इसके बाद एक बार फिर नये सिरे से जिलों के अधिकारियों को सरकार की ओर से निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

अफसर सरकार के रडार पर

हरियाणा में बड़ी संख्या में ऐसे अधिकारी व कर्मचारी हैं, जो विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही सरकार के रडार पर हैं। इस बार विधानसभा चुनावों में जिलों के कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने खुलकर भाजपा की खिलाफत की थी और कांग्रेस का समर्थन किया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी कहा था कि चुनावी नतीजों के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की चूड़ी टाइट की जाएगी। इसके बाद नायब सरकार के कई मंत्री और विधायक भी अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं।

Advertisement
Tags :
Congress MLA Devendra Hansharyana newsHindi NewsMLA vs BureaucracySP Rajesh Kaliaएसपी राजेश कालियाकांग्रेस विधायक देवेंद्र हंसविधायक बनाम अफसरशाहीहरियाणा समाचारहिंदी समाचार