Haryana News : अधूरा अस्पताल खोल रहा स्वास्थ्य विभाग की पोल
सतीश जोशी/निस
नीलोखेड़ी, 29 नवंबर
उपमंडल अस्पताल का निर्माण कार्य अधर में लटका है, जिसके कारण कई लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। नए भवन का निर्माण करने के लिए पुराने भवन का एक हिस्सा भी तोड़ा गया था, जिससे डॉक्टरों के बैठने और मरीजों को उपचार हेतु दाखिल करने में अस्पताल प्रबंधन के पसीने छूट गये। एक बैड पर 4 से 6 मरीजों को बैठाकर उनका उपचार किया जाता है। पिछले ढाई वर्ष से निर्माण कार्य रुका है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार के दावे की पोल खुल गई है। पूर्व विधायक धर्मपाल गोन्दर के अनुसार निर्माण कार्य शुरु करवाने के लिए अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार गठन के दो माह बीत जाने के बावजूद निर्माण कार्य शुरु न होने से लोगों में रोष पनप रहा है। जीटी रोड के नजदीक होने के कारण दुर्घटनाओं की हालत मेें घायल लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाता। संसाधनों की कमी के चलते स्थानीय एमरजेंसी की बजाए यह रैफर केंद्र बनकर रह गया है। उल्लेखनीय है कि 10 सितम्बर 2018 को विधायक भगवानदास कबीरपंथी ने अस्पताल के पहले चरण का निर्माण कार्य चालू करवाया था। 6.80 करोड़ रुपए की लागत से 60,000 वर्ग फुट में बनने वाले इस चार मंजिला भवन का निर्र्माण कार्य 18 महीने में पूरा होना था्र लेकिन 6 साल बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। भगवानदास कबीरपंथी के पुन: विधायक बनने से लोगों में आस जगी है कि अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पूरा करके बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं
अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड मशीन की सुविधा नहीं है। हड्डियों के डाक्टर, सर्जन, फिजीशियन और नेत्र चिकित्सक भी नहीं है। अस्पताल में एक्सरे की सुविधा 24 घण्टे उपलब्ध है, लेकिन दांतों के एक्सरे की सुविधा न होने के कारण लोगों को निजी डाक्टरों के पास जेब ढीली करनी पड़ती है।
एसएमओ बोली
एसएमओ डॉ. वन्दना अग्रवाल ने बताया कि भवन निर्माण को शुरु करवाने और डाक्टरों की कमीं के बारे में उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। विशेषज्ञ के अभाव के कारण लोग इज नहीं करवा पा रहे हैं। बावजूद इसके अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले लोगों को सभी सुविधाएं और दवाएं मुहैया करवाने की कोशिश की जाती है।