Haryana News : होडल नागरिक अस्पताल खुद बीमार, कैसे होगा मरीजों का इलाज
बलराम बंसल/निस
होडल, 30 दिसंबर
सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और प्रदेश सरकार के दावों के बावजूद होडल का नागरिक अस्पताल अपनी बदहाली से जूझ रहा है। अस्पताल में आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की कमी और विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव मरीजों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। इस अस्पताल पर आसपास के 20 गांवों के हजारों नागरिक निर्भर हैं, लेकिन यहां न तो पर्याप्त उपकरण हैं और न ही जरूरी डॉक्टर। होडल नागरिक अस्पताल में हर महीने लगभग 4500 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से अधिकांश मरीज जरूरी जांच और इलाज के अभाव में निराश होकर लौट जाते हैं। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं होने के कारण इसका उपयोग केवल गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड तक सीमित है। अस्पताल में न तो सर्जन हैं और न ही बाल रोग विशेषज्ञ। आंख, नाक, कान, गला और त्वचा रोग के डॉक्टरों का भी अभाव है। इन परिस्थितियों में मरीज मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करते हैं, जहां इलाज महंगा होने के कारण गरीब परिवारों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन जाता है। होडल और आसपास के गांवों के नागरिकों ने अस्पताल की बदहाली को लेकर प्रशासन और सरकार से नाराजगी जताई है। उन्होंने मांग की है कि अस्पताल में जरूरी मशीनों की मरम्मत और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति जल्द की जाए। स्थानीय निवासी रामपाल ने कहा कि यह अस्पताल केवल नाम का है।
आवश्यक जांचें भी नहीं हो रहीं
रक्त जांच के लिए जरूरी मशीनें खराब पड़ी हैं। इससे केएफटी, एलएफटी जैसी महत्वपूर्ण जांचें नहीं हो पा रही हैं। यही नहीं, प्रसव के दौरान एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की कमी के कारण प्राइवेट डॉक्टरों को बुलाना पड़ता है, जिससे मरीजों को अनावश्यक देरी और आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ता है।