Haryana News: हरिओम महाराज बोले- वातावरण शुद्धि के लिए यज्ञ जरूरी, "घर-घर यज्ञ, हर घर यज्ञ" अभियान से जुड़ें लोग
हरदीप श्योकंद/निस, उचाना 24 दिसंबर
Haryana News: त्रिपुरा पीठाधीश्वर यज्ञ सम्राट हरिओम महाराज ने मंगलवार को लोगों से "घर-घर यज्ञ, हर घर यज्ञ" अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने बताया कि यज्ञ के माध्यम से वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है, जिससे कोरोना जैसी महामारी की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
यहां मीडिया से बातचीत में हरिओम महाराज ने कहा कि संकल्पित 108 महायज्ञ की श्रृंखला में 102वें महायज्ञ का आयोजन 1008 कुंडी महायज्ञ के रूप में कुरुक्षेत्र धाम की पावन भूमि पर 18 मार्च से 27 मार्च 2025 तक किया जाएगा। इस महायज्ञ के अंतर्गत कलश यात्रा 18 मार्च को निकाली जाएगी, जिसमें माताओं, बहनों, और स्थानीय लोगों की भागीदारी होगी। महायज्ञ का समापन 27 मार्च को पूर्ण आहुति के साथ होगा।
उन्होंने कुरुक्षेत्र की धार्मिक महिमा का उल्लेख करते हुए कहा, "कुरुक्षेत्र की भूमि पर यज्ञ और हवन करने से पितरों की मुक्ति मिलती है। पितरों की मुक्ति के लिए गया, हरिद्वार और कुरुक्षेत्र का विशेष महत्व है।"
यज्ञ के लाभ और उद्देश्य
महाराज ने बताया कि यज्ञ से न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि बीमारियों का नाश और मानव जीवन में शांति और सुख की स्थापना होती है। उन्होंने कहा, "हवन और यज्ञ से घर का रूखापन, बाधाएं और रोग दूर होते हैं।"
उचाना और कैथलवासियों का योगदान
महायज्ञ के आयोजन में उचाना वासियों और कैथल की नंदी गौशाला का विशेष योगदान है। महाराज ने उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि "सभी हरियाणा वासी यज्ञ सामग्री और घी के रूप में अधिकतम सहयोग करें।"
ब्रह्म सरोवर स्नान का महत्व
महायज्ञ के दौरान सभी श्रद्धालुओं से ब्रह्म सरोवर में स्नान और हवन में भाग लेने की अपील की गई। महाराज ने कहा कि ब्रह्म सरोवर में स्नान और यज्ञ से पुण्य लाभ अर्जित होता है और यह पितरों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
जागृति यात्रा का उद्देश्य
"घर-घर यज्ञ, हर घर यज्ञ" के उद्देश्य से जागृतिक यात्रा पूरे हरियाणा में चलाई जा रही है। 48 कोस परिक्रमा के अंतर्गत यह यात्रा जन-जागृति फैलाने का काम करेगी। हरिओम महाराज ने कहा, "यज्ञ ही जीवन है। सभी लोग अपने घरों में यज्ञ करें, वातावरण को शुद्ध करें और मानव जाति की सुरक्षा सुनिश्चित करें।"