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Haryana News : प्रदेश में पराली प्रबंधन में फतेहाबाद अव्वल

07:47 AM Dec 02, 2024 IST
haryana news   प्रदेश में पराली प्रबंधन में फतेहाबाद अव्वल
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मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 1 दिसंबर
जिला फतेहाबाद जो बीते सालों में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा पराली जलाने वालों में पहले नंबर पर आता था, जिसका प्रदेश में छाने वाली स्मॉग व प्रदूषण में 40 फीसदी तक योगदान होता था, उसी जिला फतेहाबाद ने इस साल पराली कम जलाने वाले जिलों में पहला स्थान हासिल किया है। इसकी प्रशंसा स्वयं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की है। यह सब संभव हो पाया प्रशासनिक रणनीति, सख्ती व उसकी मेहनत से। जिला फतेहाबाद में साल 2022 में 765, साल 2023 में 576 तो अब साल 2024 में मात्र 130 जगहों पर पराली में आग लगाई गई, जो कि बीते साल के मुक़ाबले 78 फीसदी कम रही। इस बारे में जिला उपायुक्त मनदीप कौर सारा श्रेय अपनी टीम को देती हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर सभी पुलिस अधिकारी, एसडीम ने बहुत मेहनत की, जिसके परिणाम सुखद रहे। उन्होंने बताया कि फील्ड में टीमों के अलावा 15 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को अलग-अलग जगह पर तैनात किया गया था। सूचना मिलते ही सबसे पहले तो पराली की आग को बुझाया जाता था, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाती थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ी का उस स्थान पर पहुंचने का समय अधिकतम 7 मिनट रखा गया था। इससे फायदा यह होता था कि जलती हुई पराली की आग बुझाने के साथ ज्यादा मात्रा में पानी गिरने से आसपास का प्रदूषण भी कम होता था। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की सभी गाड़ियों से 24 घंटे में एक बार बड़े-बड़े पेड़ों पर पानी का छिड़काव करवाकर उन्हें अगले दिन पुनः भरने के लिए खाली करवाया जाना सुनिश्चित किया गया ताकि प्रदूषण कम से कम हो। बीते साल जिले में 33 गांव रेड जोन में तथा 76 गांव येलो जोन में थे। इन गांवों में विशेष सतर्कता बरती गई। जिला उपायुक्त ने बताया कि फील्ड में 271 गांवों में टीमें हर समय मौजूद रहती थीं। इन टीमों में कृषि विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस आदि सभी के कर्मचारी लगे थे।
इसके अलावा 262 गांवों में कैंप लगाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे बताया गया तथा उन्हें पराली प्रबंधन के लिए मानसिक रूप से तैयार किया गया। कृषि विभाग ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए करीब 10 तरह के कृषि उपकरण सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए। जिला उपायुक्त मनदीप कौर इन सबमें सभी का सहयोग मानती हैं, लेकिन कहीं न कहीं प्रशासनिक सख्ती भी काम आई।
जिस क्षेत्र में पराली में आग की सूचना मिलती थी, उन क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को विभागीय नोटिस भी जारी किए गए। इसके अलावा पराली जलाने पर जिले में 66 एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिले में ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 66 किसानों की रेड एंट्री के अलावा 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया।

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