Haryana News : सीआरएसयू एडहॉक सिस्टम पर, वीसी, रजिस्ट्रार के पद भी खाली
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 18 दिसंबर
जींद की सीआरएसयू इस समय पूरी तरह से एडहॉक सिस्टम या यूं कहिए काम चलाऊ व्यवस्था के भरोसे है। पहले सीआरएसयू में महज सहायक प्रोफेसर ही कांट्रेक्चुअल और पार्ट टाइम थे। अब वीसी से लेकर रजिस्ट्रार तक के दोनों अहम पद एडीशनल चार्ज में हैं।
2014 में अस्तित्व में आई जींद की सीआरएसयू को 10 साल बाद भी टीचिंग स्टाफ के मामले में स्थायित्व नहीं मिल पाया है। सीआरएसयू की हालत टीचिंग स्टाफ को लेकर कैसी है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि सीआरएसयू में केवल 20 प्रोफेसर ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति स्थाई रूप से हुई है। यूनिवर्सिटी में 30 सहायक प्राध्यापक कॉन्ट्रेक्ट पर लगे हुए हैं, जबकि 170 सहायक प्रोफेसर पार्ट टाइम आधार पर हैं। आंकड़ों से साफ है कि यूनिवर्सिटी के टीचिंग स्टाफ में लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा या तो पार्ट टाइम हैं, या फिर कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं। हालात टीचिंग स्टाफ को लेकर सुधरे नहीं थे कि अब इससे भी बड़ी बात यह है कि यूनिवर्सिटी में वीसी और रजिस्ट्रार दोनों के पद खाली हैं। सीआरएसयू के वीसी प्रोफेसर रणपाल ने 3 दिसंबर को त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति नहीं हुई है। वीसी का कार्यभार कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी सोमनाथ सचदेवा को दिया गया है। पिछले सप्ताह प्रोफेसर लवलीन मोहन का जींद की सीआरएसयू में रजिस्ट्रार का कार्यकाल पूरा हो गया। उसके बाद रजिस्ट्रार के पद पर भी किसी की नियुक्ति नहीं हुई। जिस तरह वीसी का एडीशनल चार्ज कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी को दिया गया, उसी तरह रजिस्ट्रार का एडीशनल चार्ज सीआरएसयू के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर विशाल वर्मा को दिया गया है।
राजनीतिक कारणों से हो रहा भेदभाव
सफीदों के पूर्व कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली का कहना है कि जींद की सीआरएसयू के साथ राजनीतिक कारणों से भेदभाव हो रहा है। जींद को यूनिवर्सिटी की सौगात भूपेंद्र हुड्डा ने सीएम रहते दी थी। 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, तो सीआरएसयू को स्थाई टीचिंग स्टाफ भी नहीं दिया और केवल कांट्रेक्चुअल तथा पार्ट टाइम टीचिंग स्टाफ से काम चलाया जा रहा है। उधर, जींद के भाजपा विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा लगातार कह रहे हैं कि जींद की सीआरएसयू को जल्द स्थाई टीचिंग स्टाफ मिलेगा।
प्रदेश के पहले योग विभाग में भी टीचिंग स्टाफ कॉन्ट्रेक्ट पर, वेतन भी कम
हरियाणा में किसी सरकारी यूनिवर्सिटी में पहला योग विभाग जींद की सीआरएसयू में बना। सीआरएसयू के योग विभाग का सारा टीचिंग स्टाफ कांट्रेक्चुअल है। योग विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे सहायक प्राध्यापकों के साथ वेतन के मामले में भी ज्यादती हो रही है। साल 2015 में सीआरएसयू में योग विभाग बना। इसमें कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर 5 सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए गए। इन्हें 30000 रुपए मासिक वेतन दिया गया। पिछले महीने से योग विभाग के कांट्रेक्चुअल सहायक प्राध्यापकों का वेतन 30000 रुपए मासिक से बढ़ाकर 42000 रुपए मासिक किया गया, जबकि प्रदेश की दूसरी यूनिवर्सिटी में योग विभाग के कांट्रेक्चुअल सहायक प्रोफेसर को 57700 वेतन दिया जा रहा है। इसी तरह सीआरसीयू के भूगोल विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे सहायक प्राध्यापक को भी केवल 30000 रुपए मासिक वेतन में दिया जा रहा था, जबकि दूसरी सभी यूनिवर्सिटी में भूगोल विभाग में कॉन्ट्रेक्ट के सहायक प्रोफेसर को 57700 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। सीआरएसआई के भूगोल विभाग में 4 सहायक प्राध्यापक कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर नियुक्त हैं। उनके वेतन में भी पिछले महीने से ही 12000 रुपए मासिक की वृद्धि कर वेतन 42000 रुपए मासिक किया गया है।