Haryana News : वार्ड बंदी और मेयर आरक्षण पर असमंजस
सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 24 नवंबर
प्रदेश्ा में नगर निगम चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया अब भी अधूरी है। प्रदेश सरकार ने वार्ड बंदी पर कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसके चलते चुनावी प्रक्रिया में देरी हो सकती है। ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी वार्ड बंदी पर आपत्तियां दर्ज कराने का समय तय किया जाएगा, जो एक महीने का होगा। इस बीच, नगर निगम के मेयर पद के आरक्षण पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, जिससे चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की चिंता बढ़ गई है।
बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों के नेता चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन मेयर पद के आरक्षण और वार्ड बंदी के फैसले से पहले ही वे असमंजस की स्थिति में हैं। नेताओं को यह स्पष्ट नहीं है कि मेयर पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा या फिर वह जनरल होगा। इसके चलते वे अपने-अपने तरीके से लोगों से संपर्क बनाए रखने में जुटे हैं। कई नेता तो चुनावी तैयारी में अपनी टीमों के साथ सक्रिय हो गए हैं, लेकिन उन्हें अब भी यह नहीं पता कि उनके लिए कौन सा वार्ड खुला रहेगा या आरक्षित होगा।
यमुनानगर जिले के कई वार्डों में चुनाव लड़ने के इच्छुक संभावित उम्मीदवारों ने अपने फ्लेक्स और होर्डिंग्स भी लगा दिए हैं, लेकिन वार्ड की आरक्षण स्थिति के कारण चुनावी जंग पर सवालिया निशान है।
यदि किसी वार्ड का आरक्षण महिलाओं या अन्य वर्ग के लिए हो जाता है, तो इन नेताओं के लिए चुनावी मैदान में उतरना मुश्किल हो सकता है। फिलहाल सभी उम्मीदवार अपनी तैयारियों में लगे हैं, ताकि यदि चुनाव हो और उन्हें टिकट मिले, तो वे जीत हासिल कर सकें।