For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Haryana News : सीएम सैनी ने आचार्य भिक्षु स्वामी को दी श्रद्धांजलि, 300वीं जयंती समारोह में की शिकरत

06:44 PM Jul 08, 2025 IST
haryana news   सीएम सैनी ने आचार्य भिक्षु स्वामी को दी श्रद्धांजलि  300वीं जयंती समारोह में की शिकरत
Advertisement

चंडीगढ़, 8 जुलाई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Advertisement

Haryana News : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि महापुरुषों के विचार और सिद्धांत आज भी हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाते हैं। यदि हम उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने आचरण में उतारें, तो एक नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण संभव है। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण होगा, तभी विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा। यदि हम एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए एक मजबूत, नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण सबसे पहली आवश्यकता है।

महापुरुषों की प्रेरणा से ही हम यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। वे मंगलवार को चंडीगढ़ में आचार्य भिक्षु स्वामी की 300वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुनिश्री विनय कुमार आलोक जी, मुनिश्री सुधाकर जी, मुनिश्री अभय कुमार आलोक जी, मुनिश्री नरेश जी, स्वामी सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी जी महाराज सहित कई मुनिजन मंचासीन रहे। उन्होंने कहा कि देश की धरा संतों की धरा है। संतों के कारण ही हमारी संस्कृति जीवित है।

Advertisement

मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु स्वामी केवल एक मुनि नहीं, बल्कि एक साहसी और क्रांतिकारी विचारक थे। उन्होंने धर्म में व्याप्त कुरीतियों पर चोट की और अध्यात्म को तर्कसंगत दिशा दी। विक्रम संवत 1783 में कंटालिया गांव में जन्मे ‘भीखण’ का आचार्य बनने तक का जीवन त्याग, तपस्या और सत्य की साधना से भरा हुआ था। उन्होंने विक्रम संवत् 1817 में तेरापंथ की स्थापना की, जो केवल एक पंथ की शुरुआत नहीं थी, बल्कि धर्म को उसके सबसे शुद्ध रूप में पुनः स्थापित करने का एक साहसी आंदोलन था।

भिक्षु स्वामी के विचार आज भी प्रासंगिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु की शिक्षाएं आज के युग में भी अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि अहिंसा केवल मारपीट न करना ही नहीं है, बल्कि मन, वचन और कर्म से पवित्र होना ही सच्ची अहिंसा है। आज के तनावपूर्ण और असहिष्णुता से भरे माहौल में यह विचार समाज को जोड़ने का काम कर सकता है। उन्होंने अनेकांतवाद की चर्चा करते हुए कहा कि यह दर्शन लोकतंत्र की आत्मा है, जो विभिन्न दृष्टिकोणों के सम्मान की प्रेरणा देता है। अपरिग्रह का संदेश आज की उपभोक्तावादी प्रवृत्ति, संग्रह और भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक आधार है।

युवा आत्मानुशासन और आदर्शों का पालन करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु मानते थे कि जब व्यक्ति सुधरेगा, तब समाज और राष्ट्र भी अपने आप सुधर जाएगा। हमारा भी यही विश्वास है कि राष्ट्र का सशक्त निर्माण नैतिक मूल्यों की नींव पर ही संभव है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से विशेष अपील करते हुए कहा कि वे आचार्य भिक्षु स्वामी के जीवन से प्रेरणा लें, उनके विचारों को पढ़ें और समझें। उनका जीवन निडरता, सच्चाई, संयम और देशसेवा की अद्भुत प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है, और यह लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब समाज चरित्रवान, संयमी और नैतिक मूल्यों से युक्त हो।

Advertisement
Tags :
Advertisement