For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Haryana News : फर्जी आंकड़ों के आधार पर किया एससी आरक्षण में वर्गीकरण : रजत कल्सन

07:04 AM Dec 16, 2024 IST
haryana news   फर्जी आंकड़ों के आधार पर किया एससी आरक्षण में वर्गीकरण   रजत कल्सन
Advertisement

जींद (जुलाना), 15 दिसंबर (हप्र)
दलित अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट रजत कल्सन ने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण कर निंदनीय फैसला लिया है और यह वर्गीकरण फर्जी आंकड़ों के आधार पर किया गया है। प्रदेश सरकार ने वोटों की राजनीति के लिए प्रदेश के दलित समाज के बीच आरक्षण के वर्गीकरण के आधार पर वैमनस्य पैदा करने का प्रयास किया है। रविवार को जींद में जारी विज्ञप्ति में एडवोकेट रजत कल्सन ने कहा कि सरकार ने फर्जी आंकड़ों के आधार पर एससी समाज के वर्गीकरण का जो फैसला लिया है, यह आंकड़े कथित तौर पर हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा सरकार को एक मनघड़ंत रिपोर्ट के जरिये उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग का गठन हरियाणा के एससी समाज के साथ हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न व भेदभाव से निजात दिलाने के लिए किया गया था, परंतु हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने जो आंकड़े अपनी रिपोर्ट के माध्यम से सरकार को उपलब्ध कराए हैं, उन आंकड़ों के स्रोत का कोई अता-पता नहीं है तथा उन आंकड़ों के अध्ययन से यह पता चला है कि यह आंकड़े परिवार पहचान पत्र के डाटा से उठाए गए हैं, जिनकी कोई कानूनी वैधता नहीं है।
कलसन ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में प्रदेश की जनता द्वारा, यहां तक की विपक्ष द्वारा भारी गड़बड़ियाें के आरोप लगाए गए हैं तथा इन आंकड़ों को कतई विश्वसनीय या कानूनी नहीं कहा जा सकता है।
रजत कल्सन ने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पिता की जाति को परिवार पहचान पत्र में सामान्य दर्शाया गया है जोकि एक घोर लापरवाही है, इसी तरह से परिवार पहचान पत्र में लोगों की असल जातियों को छिपा कर उन्हें दूसरी जातियों का दर्शाया गया है, जिससे वह संबंधित नहीं है। सरकार ने इन आंकड़ों के आधार पर एससी समाज के आरक्षण का वर्गीकरण किया है जोकि पूरी तरह से गैरकानूनी तथा असंवैधानिक है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement