haryana news : सिविल अस्पताल को फायर एनओसी हासिल नहीं
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 21 नवंबर
जींद के सिविल अस्पताल की नई और पुरानी दोनों बिल्डिंगों में से किसी के पास भी फायर एनओसी नहीं है। बिना फायर एनओसी के इनमें सिविल सर्जन दफ्तर, प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर के दफ्तर और ओपीडी तथा इंडोर चिकित्सा सेवाएं चल रही हैं। इनमें आग की घटना की सूरत में मरीजों, डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा फायर फाइटिंग सिस्टम के भरोसे नहीं बल्कि राम भरोसे है। उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में हुई आग की घटनाओं के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने हरियाणा में निजी और सरकारी अस्पतालों में फायर एनओसी लेने पर जोर दिया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में आगजनी की घटनाएं हुईं, जिनमें एक में तो कई बच्चों की मौत भी एसएनसीयू में लगी आग से हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरियाणा में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग के पुख्ता इंतजाम हों, और सभी अस्पतालों के लिए फायर सेफ्टी विभाग से फायर एनओसी ली जाए।
जींद के सिविल अस्पताल की दो बिल्डिंग हैं। पुरानी बिल्डिंग 1975 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल के शासनकाल में बनी थी। वहीं 100 बेड के अस्पताल की नई बिल्डिंग का निर्माण 2016 में पूरा हुआ था। इन दोनों बिल्डिंग में से किसी के पास भी फायर एनओसी नहीं है। जहां तक 1975 में बनी सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग का सवाल है, तो इसके लिए फायर एनओसी फिजिबल ही नहीं है। जींद में दमकल विभाग के प्रभारी फायर ऑफिसर ने लगभग 3 साल पहले पुरानी बिल्डिंग का फायर एनओसी को लेकर निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण में पुरानी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी को लेकर इतने मोडिफिकेशन बता दिए गए थे।
लिख चुके कई पत्र : सिविल सर्जन
फायर एनओसी नहीं होने के मसले पर सिविल सर्जन डॉ. गोपाल गोयल ने कहा कि पुरानी बिल्डिंग में फायर ऑफिसर द्वारा जितने मोडिफिकेशन करने के लिए कहा गया था, इतने मॉडिफिकेशन करना फिजिबल नहीं है। इस कारण यहां आग लगने की सूरत में उस पर काबू पाने के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं। जहां तक अस्पताल की नई बिल्डिंग के लिए फायर एनओसी लेने का सवाल है, तो संबंधित विभाग को एक दर्जन से ज्यादा पत्र लिखे जा चुके हैं। अभी तक उपकरण नहीं लगाए हैं।