Haryana News : जींद में जयंती देवी मंदिर के पास 23 एकड़ में बनेगा बॉटेनिकल पार्क
जींद, 4 दिसंबर (हप्र)
जींद शहर में जयंती देवी मंदिर के सामने वाली तथा साथ लगती जमीन पर बॉटेनिकल पार्क बनाया जाएगा। इस पार्क में औषधीय पौधे, दुर्लभ पौधे, विलुप्त हो चुके पौधे, कैट्स हाउस, ग्रीन हाउस की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा एक ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा, जिसमें किसान बागवानी व कृषि के आधुनिक गुर सीख सकेंगे।
योजना को सिरे चढ़ाने के लिए विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने अर्बन लोकल बॉडी, बागवानी विभाग अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में बागवानी विभाग के एचओडी अर्जुन सैनी, यूएलबी डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में डिप्टी स्पीकर ने निर्देश दिए कि बॉटेनिकल पार्क परियोजना की डीपीआर आगामी तीन माह में तैयार कर ली जाए। इस डीपीआर को नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (लखनऊ) से तैयार करवाया जाए। आगामी बैठक में इस प्रोजेक्ट को हर हाल में अंतिम रूप दिया जाए।
डा. कृष्ण मिड्ढा द्वारा पिछली योजना में दो प्रस्ताव सरकार को भेेजे गए थे, जिसमें एक सिटी पार्क और दूसरा बॉटेनिकल पार्क का था। बागवानी विभाग के एचओडी अर्जुन सैनी, यूएलबी डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में डिप्टी स्पीकर ने फैसला लिया कि जींद में बॉटेनिकल पार्क बनाया जाना उपयुक्त रहेगा। इसमें सबसे बड़ी बात यह थी कि सिटी पार्क के लिए केवल पांच एकड़ जमीन ही मिल पा रही थी, वहीं बॉटेनिकल पार्क के लिए संपूर्ण 23 एकड़ जमीन के लिए अधिकारियों को राजी कर लिया गया। इस समय जयंती देवी मंदिर के सामने खाली जमीन पर नंदीशाला चलाई जा रही है और मंदिर के पास लगती जमीन खाली है। शहर के लोगों द्वारा लंबे समय से सैर व घूमने के लिए एक आधुनिक पार्क की मांग की जा रही थी। डिप्टी स्पीकर ने शहर के लोगों की मांग पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की और योजना को सिरे चढ़ाया।
अधिकारियों को दिये निर्देश
विधानसभा उपाध्यक्ष ने बैठक के बाद सीएम से जींद में बॉटेनिकल पार्क की फाइल को मंजूर करवाया। उन्होंने अधिकारियों को बैठक में निर्देश दिए कि इस जमीन पर विश्व स्तरीय बॉटेनिकल पार्क बनाया जाए। यहां लोगों को सैर, बैठने के लिए जगह और किसानों के लिए ऑडिटोरियम की व्यवस्था हो। पार्क में औषधीय पौधे लगाए जाएं, जिससे जींद क्षेत्र में भी बॉटेनिकल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। तीन माह में पार्क की डीपीआर तैयार कर आगामी बैठक में पेश की जाए। इस योजना में ढील बर्दाश्त नही होगी।