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Haryana News: नरवाना के कालवन गांव का पक्षी अभयारण्य सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र घोषित

02:30 PM Mar 21, 2025 IST
haryana news  नरवाना के कालवन गांव का पक्षी अभयारण्य सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र घोषित
कालवन के केंद्र पर पहुंचे विभिन्न प्रजातियों के पक्षी। निस
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नरवाना, 21 मार्च (नरेंद्र जेठी/निस)

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Migratory Bird Community Reserve: हरियाणा सरकार ने नरवाना उपमंडल के कालवन गांव के पक्षी अभयारण्य को प्रवासी पक्षी सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र (Migratory Bird Community Reserve) घोषित कर दिया है। सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे यह क्षेत्र अब संरक्षित जैव विविधता जोन के रूप में विकसित होगा।

27 एकड़ क्षेत्र में दुर्लभ प्रवासी पक्षियों का बसेरा

कालवन पक्षी अभयारण्य 27 एकड़ 2 कनाल 11 मरला क्षेत्र में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में मध्य एशिया, रूस, मंगोलिया सहित कई देशों से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी हर वर्ष आते हैं। अब तक 34 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों की पहचान की गई है, जिनमें से 21 विदेशी और 13 भारतीय प्रजातियां हैं। इनमें कॉमन पोचार्ड और ब्लैक-टेल्ड गोडविट जैसी दुर्लभ एवं संकटग्रस्त प्रजातियां भी शामिल हैं।

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ग्राम पंचायत की पहल से मिली मान्यता

ग्राम पंचायत कालवन ने 27 मई 2024 को इस क्षेत्र को आरक्षित घोषित करने की मांग सरकार के समक्ष रखी थी। सरपंच कविता नैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजा गया। इस प्रस्ताव के समर्थन में नरवाना विधायक कृष्ण बेदी और डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने अनुशंसा की, जिसके बाद सरकार ने क्षेत्र को आरक्षित घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की।

‘देवभूमि सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र’ घोषित

वन्यजीव संरक्षक विनोद कडवासरा के अनुसार, कालवन क्षेत्र को ‘देवभूमि सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र’ के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस निर्णय को लागू करने के लिए 100 पृष्ठों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की गई, जिसमें इस क्षेत्र की जैव विविधता, पक्षियों, वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का विस्तृत सचित्र विवरण दिया गया है।

स्थानीय समुदाय का संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान

गांव के लोगों ने प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए ‘महर्षि दयानंद पक्षी विहार’ स्थापित किया है। यहां प्राकृतिक रूप से विकसित जाल और खेजड़ी के वृक्ष हैं, जो पक्षियों के लिए अनुकूल आवास प्रदान करते हैं। गांव के हजारों पालतू पशु, विशेष रूप से भैंस, तालाब में स्नान करती हैं, जिनके मल-मूत्र से जल में प्राकृतिक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे वनस्पति और जलीय जीव विकसित होते हैं, जो प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करते हैं।

जैव विविधता और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

हरियाणा के वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव संरक्षक डॉ. विवेक सक्सेना ने कहा कि यह सामुदायिक रिजर्व, वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और स्थानीय समुदाय की भागीदारी के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस संरक्षण से न केवल जैव विविधता संरक्षित होगी, बल्कि यह अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बनेगा।

संरक्षित क्षेत्र बनने से होंगे ये फायदे

1. प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित व अनुकूल वातावरण मिलेगा।

2. वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

3. स्थानीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

4. पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

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