चंडीगढ़, 9 जुलाई (ट्रिन्यू)प्रदेश सरकार ने नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम-2014 में संशोधन करते हुए अब यह प्रावधान जोड़ा गया है कि यदि पदनामित अधिकारी या शिकायत निवारण प्राधिकारी समय पर आवेदन या अपील का निपटान नहीं करते, तो सेवा का अधिकार आयोग ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान ले सकेगा।मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अधिनियम के नियम 9 को प्रतिस्थापित कर नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसे हरियाणा सेवा का अधिकार (संशोधन) नियम-2025 कहा जाएगा। यह संशोधन न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि समयबद्ध सेवा वितरण की जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा।हालांकि, यदि किसी सेवा से संबंधित मामला पहले से किसी न्यायालय या विभागीय पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष लंबित है, तो उस पर आयोग तब तक कार्रवाई नहीं करेगा जब तक कि अंतिम निर्णय नहीं आ जाता।