स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक करेंगे सभी सीएससी में मॉनिटरिंगजागरूकता अभियान भी चलाएगा विभागदिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 22 मार्चलिंगानुपात में सुधार के लिए अब स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव जाकर जागरूकता मुहिम चलाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग की भी इसमें मदद ली जाएगी। दोनों विभाग मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रव्यापी मुहिम - ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को हरियाणा में और गति देंगे। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में जिन महिला सरपंचों के पास केवल बेटियां ही हैं, उन्हें इस अभियान के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाएगा।पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महिला सरपंचों को ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने सुझाव दिया है कि जिन-जिन महिला सरपंचों के पास केवल बेटियां हैं, उन्हें लिंगानुपात सुधारने के लिए चलाए जाने वाले अभियानों में ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस पहल के लिए प्रत्येक जिले से पांच-पांच ऐसे सरपंचों की पहचान करने के निर्देश भी दिए हैं।इतना ही नहीं, हेल्प लाइन नंबर-104 के माध्यम से केवल एक बेटी वाले परिवारों के लिए परामर्श-सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। लिंगानुपात संतुलन के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय करते हुए स्पष्ट किया गया है कि जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) का खराब प्रदर्शन होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक को सभी सीएचसी केंद्रों की मॉनिटरिंग करने का जिम्मा सौंपा है।जागरूकता वैन चलेगीलोगों में लैंगिक समानता के महत्व और लिंगानुपात में सुधार के लिए जागरूकता मुहिम चलेगी। इसके लिए विशेष वैन चलाई जाएगी। यह प्रदेशभर के सभी शहरों व गांवों में जाएगी। प्रदेश के सभी सिनेमाघरों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पहल के बारे में लघु फिल्में दिखाई जाएंगी।बेटी के जन्म पर ‘कुआं पूजन’ को देंगे बढ़ावाआमतौर पर बेटों के जन्म पर कुआं पूजन का कार्यक्रम होता है। समाज में आ रहे बदलाव के बीच अब लोग घर में बेटी के जन्म पर भी खुशियां मनाते हैं। सरकार के विभिन्न विभाग मिलकर प्रदेश में बालिका के जन्म पर ‘कुआं पूजन’ जैसी प्रथाओं को भी बढ़ावा देने का काम करेंगे।तिमाही पंजीकरण अनिवार्यस्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल ने विभाग द्वारा गर्भधारण की बेहतर ट्रैकिंग को लेकर अधिकारियों को कहा कि वे प्रत्येक गर्भावस्था को प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर प्रथम तिमाही में पंजीकृत करना अनिवार्य करें। यदि पंजीकरण नहीं हुआ तो संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से विशेष अनुमति लेकर ही इसकी अनुमति दी जाएगी। गर्भधारण का पंजीकरण न करने में किसी भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।