मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

हरियाणा : राष्ट्रीय खेलों में जीते कई मेडल, अब सब्जी बेचने को मजबूर; सरकारी नौकरी न मिलने पर नेशनल खिलाड़ी का छलका दर्द

11:07 PM Aug 19, 2021 IST

प्रदीप साहू/निस 

Advertisement

चरखी दादरी, 19 अगस्त

चरखी दादरी के नेशनल खिलाड़ी को सरकारी मदद नहीं मिली तो उसे सब्जियां बेचकर परिवार का पालन-पोषण करना पड़ रहा है। लगातार 8 साल से एथलेटिक ट्रैक पर देश-प्रदेश के लिए मेडल जीतने वाला खिलाड़ी दयाकिशन अहलावत सरकारी तंत्र से हार गया और नौकरी नहीं मिलने पर सब्जी बेच रहा है।

Advertisement

चरखी दादरी के प्रेम नगर क्षेत्र निवासी दयाकिशन अहलावत ने स्कूल और कॉलेज के समय में एथलेटिक्स में खूब कामयाबी हासिल की। यूनिवर्सिटी और नेशनल के इंटर यूथ खेलों में पदक तक जीते। दयाकिशन को वर्ष 2002 में यमुनानगर में हुई प्रतियोगिता में बेस्ट एथलीट का खिताब भी जीता। दयाकिशन के पास खेलों में जीते गए कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडलों के साथ ही सर्टिफिकेट की भरमार है। इतना सब होने के बावजूद आज तक सरकारी मदद का इंतजार कर रहा है। दयाकिशन अपने सर्टिफिकेट लिए सरकारी दफ्तरों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं के चक्कर लगा चुका है। बावजूद इसके दयाकिशन को डीसी रेट की भी नौकरी नहीं मिली।

 चरखी दादरी सब्जी मंडी में सब्जियां बेचता दयाकिशन अहलावत

‘दैनिक ट्रिब्यून’ से बातचीत में उसका दर्द छलक गया। उसने सरकार की खेल नीति में बदलाव पर सवाल उठाए। उसका कहना है कि अगर सरकार ने खेल नीति में बदलाव नहीं किया होता तो शायद उसे भी सरकारी नौकरी मिल जाती। कोरोना काल के दौरान उसकी सब्जियां नहीं बिकने से खराब होने लगी तो मांसाखोर का कार्य करना पड़ा।

 

 

 

 

Advertisement
Tags :
खिलाड़ीखेलोंनेशनलनौकरीबेचनेमजबूरमिलनेराष्ट्रीयसब्जीसरकारीहरियाणा,