हरियाणा : 5वीं और 8वीं में फेल हुए तो अगली कक्षा में नहीं मिलेगा दाखिला
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 दिसंबर
पांचवीं और आठवीं में फेल होने की स्थिति में विद्यार्थियों को अगली कक्षा में एडमिशन नहीं मिलेगा। हालांकि उन्हें दो महीने में दोबारा से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर दूसरी बार की परीक्षा में भी वे फेल होते हैं तो उन्हें फिर से पुरानी क्लास में ही एक साल के लिए पढ़ाई करनी होगी। केंद्र सरकार ने पुराने नियमों को बदल दिया है। हरियाणा की नायब सरकार ने इन नियमों को अपने यहां लागू कर दिया है।
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र से ही नये नियम लागू करने को लेकर आदेश जारी किए हैं। संशोधित नियमों के अनुसार, यदि छात्र पुनः परीक्षा में भी सफल नहीं होता, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। इस दौरान छात्र को सुधारने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा। शिक्षक न केवल छात्र के प्रदर्शन पर ध्यान देंगे, बल्कि उनके माता-पिता को भी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। शिक्षक छात्रों के प्रदर्शन का आकलन करेंगे और उनकी सीखने की कमी को दूर करने के लिए सुझाव देंगे।
स्कूल के प्रधानाध्यापक ऐसे छात्रों की सूची बनाएंगे और उनके विकास की नियमित रूप से निगरानी करेंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य छात्रों को उनकी जरूरत के अनुसार सहायता उपलब्ध कराना है। छात्रों को रटने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित सवालों के बजाय उनके समग्र विकास और व्यावहारिक ज्ञान को परखा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने तक किसी भी परिस्थिति में स्कूल से बाहर न किया जाए। यह कदम छात्रों की बुनियादी समझ और कौशल को मजबूत करने में सहायक होगा।
अभी तक नहीं करते थे फेल
यहां बता दें कि यूपीए सरकार ने 2009 में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया था। इसी के तहत आठवीं तक विद्यार्थियों को फेल करने पर रोक लगा दी गई थी। 2010 में इसे हरियाणा के साथ ही पूरे देश में लागू कर दिया गया। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं करने के नियम के चलते पढ़ाई की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है। अब मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पंद्रह वर्ष पुराने नियमों को बदल दिया है।