हरियाणा सरकार की अफसरशाही पर कार्रवाई : अब गृह जिले का नहीं मिलेगा अतिरिक्त प्रभार
चंडीगढ़, 14 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने अफसरशाही के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए निर्देश जारी किए हैं कि अब कम वेतन वाले अधिकारियों को वरिष्ठ स्तर का प्रभार नहीं दिया जाएगा। जूनियर अधिकारियों को उनके सेवाकाल के अनुसार पदोन्न करके ही नई जिम्मेदारी दी जाएगी। हरियाणा में अभी तक मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों को जिलो में अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाते रहे हैं या ज्यादातर आईएएस अधिकारियों को एक से अधिक प्रभार दिए हैं।
यही नहीं, बहुत से केसों में तो कम वेतन वाले अधिकारियों को वरिष्ठ एवं अधिक वेतन वाले पदों का प्रभार दिया गया है, जिसके चलते वित्तीय व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। वित्त विभाग द्वारा सरकार की इस पॉलिसी पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी। वित्त विभाग की सिफारिशों के बाद अब सरकार ने इस नीति में बदलाव कर दिया है। राज्य भर के विभागाध्यक्षों और विभागों और जिलों में कार्यरत नोडल अधिकारियों को भेजे पत्र में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उनसे कहा है कि वे कम वेतनमान पर काम कर रहे अधिकारियों को उच्च वेतनमान वाले पद का अतिरिक्त प्रभार न सौंपें।
अधिकारियों को उनके गृह जिले में अतिरिक्त प्रभार नहीं दिया जाएगा, यह कदम उनके द्वारा उठाए जा रहे गैरजिम्मेदाराना निर्देशों पर लगाम लगाने में काफी मददगार साबित होगा। इस निर्णय से जूनियर अधिकारियों के लिए पदोन्नति के रास्ते खुलेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग को रोकना और प्रशासन में पारदर्शिता लाना है। वर्तमान में, मुख्यालय और जिला स्तर पर दोहरे प्रभार वाले ऐसे सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी सरकारी आवास सहित दोहरे लाभ का आनंद ले रहे हैं।
कई अधिकारी पदोन्नति और मुख्यालय में पोस्टिंग के बावजूद जिला स्तर पर अच्छी पोस्टिंग बनाए रखते हैं। कई अधिकारी जिला स्तर पर तैनात होने के बावजूद चंडीगढ़ या पंचकूला में अपनी पोस्टिंग बनाए रखते हैं ताकि मुख्यालय में आधिकारिक आवास जैसे लाभों का आनंद उठा सकें। ये अधिकारी दोहरी पोस्टिंग से जुड़े अन्य लाभों का भी आनंद लेते हैं। अब सरकार के आदेशों के बाद अधिकारियों की इस मनमर्जी पर रोक लगेगी।