छात्राओं से छेड़छाड़ की न्यायिक जांच कराएगी हरियाणा सरकार
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 दिसंबर
जींद जिला के उचाना स्थित सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर छात्राओं के साथ घिनौनी हरकत करने के आरोपों का मामला और भी गहरा गया है। यह सामने आया है कि प्रिंसिपल पर 2005 और 2011 में भी इसी तरह के आरोप लग चुके हैं। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को शून्यकाल में यह मुद्दा उठा और बाद में भी हंगामा हुआ। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पूरे मामले में पूर्व की कांग्रेस सरकार और झज्जर की विधायक गीता भुक्कल पर गंभीर आरोप जड़ दिए। दोनों में तीखी बहस हुई। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। आखिर में सत्तापक्ष और विपक्ष की मांग के बाद सरकार ने मामले की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया। विधानसभा की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की सिटिंग जज से जांच करवाने का आग्रह किया जाएगा। जिस समय यह पूरा घटनाक्रम हुआ, उस दौरान विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सदन में मौजूद नहीं थे।
शून्यकाल में प्रदेश की कानून व्यवस्था, स्कूलों और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गीता भुक्कल ने आरोप लगाए कि उचाना व कैथल के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के साथ आपत्तिजनक हरकतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का कंट्रोल नहीं है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार प्रिंसिपल को टर्मिनेट कर चुकी है और वह सलाखों के पीछे है।
इसके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि इस प्रिंसिपल पर 2005 और 2011 में भी आरोप लग चुके हैं। डीडीआर कटी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे रद्द करवा दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि 2011 में प्रिंसिपल पर जब आरोप लगे तो गीता भुक्कल के यहां झज्जर में पंचायत हुई और समझौता हुआ।
दुष्यंत ने जब आरोप लगाये तब गीता भुक्कल ने गौर नहीं किया। ब्रेक के बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भुक्कल ने दुष्यंत को घेरा। दरअसल, इस दौरान उन्हें सोशल मीडिया से पता लगा कि दुष्यंत ने इस तरह के आरोप उन पर लगाए हैं। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें। साथ ही, उन्होंने दुष्यंत को चुनौती भी दे डाली। गुस्से में भुक्कल ने दुष्यंत को लेकर ऐसी टिप्प्णी की, जिसका स्पीकर ने भी विरोध किया। आखिर में इसे सदन की कार्यवाही से निकलवा दिया गया। मामला बढ़ता देख सीएम मनोहर लाल ने कहा, यह गंभीर विषय है। सरकार किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जांच करवा सकती है। इस पर स्पीकर ने कहा, अगर पुलिस अधिकारी से जांच करवाई गई तो यह आरोप लगेगा कि अधिकारी तो सरकार का है। रोहतक के विधायक बीबी बतरा ने कहा, यह सदन का मामला है और यहां से बाहर लेकर जाने का कोई औचित्य नहीं है। फिर गीता भुक्कल ने कहा, प्रदेश में बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है। इनेलो के विधायक अभय चौटाला ने न्यायिक जांच की मांग उठाई। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाए।
इस तरह हुए आमने-सामने
मैंने मीडिया से नहीं, सदन में ही कहा था कि 2011 में प्रिंसिपल पर आरोप लगे और डीडीआर दर्ज हुई। उस दौरान गीता भुक्कल शिक्षा मंत्री थीं। प्रिंसिपल पर कार्रवाई करने के बजाय साथ के गांव में उसकी पोस्टिंग कर दी और डीडीआर को रद्द करवा दिया। गीता भुक्कल के यहां झज्जर में पंचायत हुई। कांग्रेस सरकार ने दो बार प्रिंसिपल को बचाने का काम किया। उस समय कार्रवाई की गई होती तो जींद की घटना नहीं होती।
-डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जैसा सदन में कहा
इतनी घिनौनी हरकत गीता भुक्कल कभी नहीं कर सकती। मैं कसम खाकर कहती हूं कि ना तो मैं प्रिंसिपल को जानती हूं और ना ही मैंने उसे बचाने का प्रयास किया। डिप्टी सीएम मुझे प्रूफ दें कि मेरे यहां कोई पंचायत हुई या मैंने किसी भी तरह प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश की हो। 2005 में तो मैं कलायत से विधायक थी और 2009 में मंत्री बनी। मैं शपथ-पत्र देने को तैयार हूं। इस तरह की गलत स्टेटमेंट मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी।
-झज्जर की विधायक गीता भुक्कल का सदन में ब्ायान
इन तथ्यों की होगी जांच
हरियाणा विधानसभा में शुक्रवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुई लंबी बहस के बाद स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सदन में ऐलान किया कि इस मामले की पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाएगी। इसके लिए विधानसभा की ओर से हाईकोर्ट को पत्र लिखा जाएगा। 2005 से अभी तक प्रिंसिपल के व्यवहार और आचरण की जांच होगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि बाद में उसकी नियुक्ति कैसे हुई।