हरियाणा सरकार ने मंजूर की ईको-टूरिज्म विकास नीति
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 जनवरी
हरियाणा मंत्रिमंडल ने राज्य में ईको-टूरिज्म के विकास की नीति को मंजूरी दी है। यह नीति प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक जुड़ाव से समृद्ध हरियाणा को प्रमुख ईको-टूरिज्म स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम है।
बुधवार को यहां सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार ईको-टूरिज्म नीति के उद्देश्यों को साकार करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए हितधारकों, पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को आमंत्रित करती है। यह नीति हरियाणा की मौजूदा जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र, विरासत स्मारकों, संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करेगी। यह नीति प्रकृति पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्वदेशी सामग्रियों के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने के अवसर प्रदान करती है। यह समग्र पर्यावरण-पर्यटन विकास के लिए स्थानीय समुदायों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, निजी उद्यमों और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करती है, जिससे ऐसे समुदायों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
नीति में हरियाणा के विविध परिदृश्यों के संरक्षण पर जोर दिया गया है, जिसमें दो राष्ट्रीय उद्यान, सात वन्यजीव अभयारण्य, दो रामसर स्थल, दो संरक्षण रिजर्व, पांच सामुदायिक रिजर्व और पुरानी अरावली पहाड़ी शृंखला, शिवालिक पहाड़ियां, समृद्ध जैव विविधता वाले घने जंगल, दर्शनीय स्थलों सहित वन्य जीव आवास पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। ईको-टूरिज्म गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए वन और वन्य जीव विभाग ने पहले से ही विभिन्न स्थानों पर सुविधाएं विकसित की हैं।
वन एवं वन्य जीव विभाग ने राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यमुनानगर के चूहड़पुर और बनसंतोर, पंचकूला में थापली, पंचकूला एवं यमुनानगर में नेचर ट्रेल और रेवाड़ी जिले में मसानी में ईको-टूरिज्म सुविधाएं विकसित की हैं। पर्यटन गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म पर नीति तैयार करने की आवश्यकता थी।