हरियाणा को पहली बार मिला ‘स्टेट सॉन्ग’
चंडीगढ़, 25 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा का भी अब अपना राज्य गीत होगा। इससे पहले एक दर्जन से अधिक राज्य अपना स्टेट सॉन्ग बना चुके हैं। कोसली से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की अध्यक्षता वाली विधानसभा की कमेटी की सिफारिश के बाद विधानसभा में राज्य गीत को मंजूरी दी गई। कमेटी के सामने तीन गीत रखे गए थे और इनमें से एक को राज्य गीत के रूप में चुना जाना था। कमेटी में बवानीखेड़ा विधायक बिशम्बर सिंह, झज्जर विधायक गीता भुक्कल, बरवाला विधायक जोगी राम सिहाग तथा एनआईटी-फरीदाबाद विधाक नीरज शर्मा शामिल थे।
विधानसभा की ओर से सचिव राजेंद्र कुमार नांदल तथा मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार भी इसमें शामिल थे। समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए गए गीतों में से किसी एक में संशोधन के बाद चयन किया है। शीतकालीन सत्र के दौरान 15 दिसंबर को सदन में तीन गीत पेश किए गए थे। इसके बाद 19 दिसंबर को सदन ने गीत के चयन व उसमें आवश्यक सुधार के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद ने हरियाणा राज्यगीत चयन समिति का गठन किया गया जिसने इसे चुना। यह गीत एक साल के लिए होगा और इसे प्रदेश के सभी सरकारी कार्यक्रमों में बजाया जाएगा। समिति ने अनुभव किया कि गीत से कुछ अनावश्यक शब्द हटाने चाहिए तथा कुछ नये शब्दों को समायोजित किया जाए।
यह होगा
जय जय जय हरियाणा
जय जय जय हरियाणा
पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आणा
जय जय जय हरियाणा
गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास
मुकुट शिवालिक, आधार अरावली, यमुना बहती पास
मौज मनावैं, कातक न्हावैं, पूरी मन की आस।
सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास।
सादा जीवन सादा बाणा, दूध दही का खाणा।
जय जय जय हरियाणा
छैल छबीले मर्द निराले, सुंदर स्याणी नार,
होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज त्योहार।
भाईचारा जग से न्यारा, बढ़े प्यार में प्यार।
दिन दूणा अर रात चौगुणा, शिक्षा और व्यापार।
बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागणी, गाणा।
जय जय जय हरियाणा।
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान।
खेल खिलाड़ी मैडल लाकर, करें देश का मान।
सीमाओं पर हरदम चौकस, यहां के वीर जवान।
छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान।
अतिथि देवो भव: यहां, सेवा धर्म निभाणा।
जय जय जय हरियाणा
जय जय जय हरियाणा।