Haryana CMO: हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय में अहम नियुक्तियां, अरुण कुमार गुप्ता बने प्रधान सचिव
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 28 नवंबर
Haryana CMO officials: हरियाणा सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में नई नियुक्तियां हो गई हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव व उपप्रधान सचिव की नियुक्ति सरकार ने कर दी है। मनोहर सरकार के समय से इन पदों पर चल रहे अधिकारियों की जगह अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी पसंद के आईएएस अधिकारियों की सीएमओ में एंट्री करवाई है। अब मुख्यमंत्री के ओएसडी, एडवाइजर व राजनीतिक सचिव सहित कई अन्य राजनीतिक पदों पर भी नियुक्तियां होंगी।
1992 बैच के आईएएस अधिकारी तथा लंबे समय से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया है। उनसे पहले वी. उमाशंकर सीएम के प्रधान सचिव थे। उमाशंकर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव के पद पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की नियुक्ति पहले ही हाे चुकी है। सीएमओ के ओवरआल इंचार्ज भी खुल्लर ही होंगे।
अरुण कुमार गुप्ता की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नजदीकी व पसंदीदा अधिकारियों में होती है। इसी तरह लम्बे समय से मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव रहे डॉ. अमित कुमार अग्रवाल की जगह अब सीएम का अतिरिक्त प्रधान सचिव 2005 बैच के आईएएस साकेत कुमार को बनाया है। अमित अग्रवाल को विकास एवं पंचायत विभाग का आयुक्त एवं सचिव नियुक्त किया है। वे हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी होंगे।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एमडी रहे साकेत कुमार अब मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव होंगे। साकेत कुमार की सीएमओ में पहली बार एंट्री हुई है। इसी तरह 2004 बैच की आईएएस और सीएम की उपप्रधान सचिव आशिमा बराड़ को यहं से बदल कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, एससी-बीसी कल्याण व अंत्योदय (सेवा) विभाग की महानिदेशक लगाया है।
वहीं सीएमओ में आशिमा बराड़ की जगह मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव की जिम्मेदारी यशपाल को दी है। यशपाल हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पद पर कार्यरत थे। वे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव भी थे। सीएमओ में अब चारों अहम पदों पर नियुक्तियां हो गई हैं। अब सीएम के ओएसडी नियुक्त होंगे। ओएसडी की संख्या तीन से चार भी हो सकती है। इसी तरह से सीएम के अलग-अलग एडवाइजर भी नियुक्त किए जाएंगे।