भिवानी, 1 जनवरी (हप्र)जब किसी इंसान का बीतने वाला पल और आने वाला पल दोनों परमात्मा के संग और गुणगान में बीते तो समझो उससे बड़ा भाग्य वाला कोई नहीं है। इंसान हर कार्य के लिए योजनायें बनाता है, लेकिन उस कार्य को प्रारम्भ करने से पहले आप अपने ईष्ट से उसके मंगल की प्रार्थना करते हो। नववर्ष भी इसी नई योजनाओं का मुहूर्त ही है। कार्य का प्रारंभ अगर सत्संग से हो जाये तो इससे मंगल हो ही नहीं सकता।यह सत्संग विचार परमसंत सतगुरु कंवर साहब महाराज ने नववर्ष के अवसर पर रोहतक रोड स्थित राधास्वामी आश्रम में लाखों की संख्या में उमड़े सत्संग प्रेमियों को फरमाये।सत्संग से पूर्व गुरु महाराज ने रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। इसमें साध संगत ने 200 यूनिट रक्त का दान किया। नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए हुजूर कंवर साहेब महाराज ने फरमाया कि बाकी कार्य अलग- अलग लाभ देने वाले हो सकते हैं, परंतु नाम भक्ति का कार्य सर्वमंगलकारी और सर्व लाभ देने वाला होता है। नाम भक्ति आत्म शुद्धि का सबसे बड़ा जरिया है।