Haryana ‘खाकी’ पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
चंडीगढ़, 29 नवंबर (ट्रिन्यू)
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली हजारों शिकायतें और मानवाधिकार हनन के गंभीर आरोपों के बीच हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। करीब सवा साल तक निष्क्रिय रहने के बाद आयोग ने एक बार फिर कामकाज शुरू किया है। हाल ही में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति के साथ आयोग ने लंबित 3500 से अधिक मामलों पर सुनवाई का फैसला लिया है। इनमें से अधिकांश शिकायतें पुलिस विभाग में कार्रवाई में देरी, एफआईआर दर्ज न करने और प्रताड़ना जैसे मामलों से जुड़ी हैं। हरियाणा मानवाधिकार आयोग का नेतृत्व अब जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा कर रहे हैं, जिन्हें चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनके साथ दीप भाटिया और कुलदीप जैन को सदस्य बनाया गया है। आयोग सदस्य कुलदीप जैन ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि लंबित मामलों पर जल्द सुनवाई शुरू की जाए और लोगों को न्याय दिलाया जाए। आयोग के पास मौजूद 3500 से अधिक लंबित शिकायतों में 600-700 मामले ऐसे हैं जिन पर सुनवाई पहले ही शुरू हो चुकी थी, लेकिन चेयरमैन और सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने से ये रुक गए। सवा साल की अवधि में ही 3 हजार के करीब नई शिकायतें आयोग के पास पहुंची हैं।
पुलिस से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें
लंबित मामलों में सबसे अधिक शिकायतें पुलिस विभाग से जुड़ी हैं। इनमें मुख्य रूप से कार्रवाई में देरी,एफआईआर दर्ज न करना, पुलिस प्रताड़ना और आरोपियों को गिरफ्तार न करने जैसे मामले शामिल हैं। आयोग ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए फैसला किया है कि पुलिस से जुड़े मामलों की जांच पहले अपनी स्वतंत्र इन्वेस्टिगेशन विंग के जरिए की जाएगी। कुलदीप जैन ने कहा कि हम पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए होम सेक्रेटरी और डीजीपी को पत्र भी लिखेंगे।
अहम बातें
लंबित शिकायतें : 3500
नयी शिकायतें : 3000 (सवा साल में)
सबसे ज्यादा मामले : पुलिस विभाग के खिलाफ
शिकायत दर्ज करें : सामान्य कागज पर बिना फीस
जांच प्रक्रिया : आयोग की स्वतंत्र इन्वेस्टिगेशन विंग
संपर्क : आयोग से जुड़ने और शिकायत दर्ज करने के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है। वकील का भी सहयोग लिया जा सकता है।