Haryana : कायाकल्प टीम ने जांचा जींद का सिविल अस्पताल
जींद, 20 दिसंबर (हप्र)
जींद के सिविल अस्पताल का शुक्रवार को सीएचसी भूना से एमओ डा. योगेश यादव, पीएचसी भिरडाना से डा. घनश्याम, सीएचसी भूना से डा. हीना के नेतृत्व में कायाकल्प टीम ने चार घंटे तक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ब्लड बैंक का रिकॉर्ड ठीक नहीं मिला वहीं, डायलिसिस रूम में एक्सपायरी डेट का सिलेंडर मिला। नर्स को आग बुझाने की जानकारी नहीं थी।
टीम ने एमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, लैब, लेबर रूम, ओपीडी, ब्लड बैंक सहित अन्य वार्डों की जांच की। ब्लड बैंक में रजिस्टर में दर्ज मरीजों की एंट्री में खामी मिली। स्वास्थ्य कर्मी टीम द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब तक नहीं दे पाए। डायलिसिस सेंटर में फायर सिलेंडर एक्सपायरी डेट का मिला। एमरजेंसी वार्ड और पेशेंट वार्ड में कई तरह की खामियां नजर आई। स्वच्छता को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। अब टीम द्वारा जींद अस्पताल को 80 से ज्यादा अंक दिए जाते हैं, तो नकद पुरस्कार मिलेगा।
कायाकल्प टीम ने निरीक्षण की शुरुआत एमरजेंसी वार्ड से की। यहां कर्मियों से रेड, यैल्लो जोन के बारे में जानकारी हासिल की। कई जगह टीम के सदस्य संतुष्ट मिले तो कई जगह असंतुष्ट नजर आए। इसके बाद टीम लैब में पहुंची और मशीनों के बारे में कर्मियों से जानकारी हासिल की। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने कायाकल्प टीम के दौरे को लेकर व्यापक तैयारियां की थी, इसके बावजूद अस्पताल की खामियों को छिपाया नहीं जा सका। दवा वितरण कमरे और नेत्र चिकित्सक रूम के यहां जांच करने के बाद टीम टीकाकरण कक्ष में पहुंची। यहां काम करते मिले स्टूडेंट्स से गीले व सूखे कचरे के बारे में जानकारी हासिल की तो वो सही तरीके से जानकारी नहीं दे पाए। यहां डस्टबीन के ठीक से रखरखाव के निर्देश दिए गए।
टीम द्वारा दिए नंबर के आधार पर मिलता है कैश अवार्ड
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेंशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवार्ड दिया जाता है।
नर्सों से मरीजों के साथ अच्छे बर्ताव के निर्देश
टीम द्वारा नर्सों से भी बातचीत की गई। इसके अलावा प्रतिदिन होने वाली डिलीवरी के रिकार्ड को भी देखा। प्रसव से पूर्व और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों व शिशु व मां की देखरेख से संबंधित सवाल पूछे। टीम द्वारा आप्रेशन थिएटर का भी दौरा किया गया। उन्होंने स्टाफकर्मियों को मरीजों व उनके तीमारदारों से अच्छे से बर्ताव करने की सलाह दी।
अस्पताल की साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट, डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित हर तरह से सही तरीके से लागू करने की कोशिश की है। टीम अस्पताल प्रशासन से संतुष्ट होकर लौटी है। रिपोर्ट आने के बाद ही अस्पताल को मिलने वाले बजट के बारे में पता लग सकेगा।
-डाॅ. पाले राम कटारिया, डिप्टी सिविल सर्जन