Haryana-कड़ाके की ठंड पशुओं के लिए भी बनी मुसीबत
जगाधरी, 24 दिसंबर (हप्र)
कड़ाके की ठंड इंसानों ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी मुसीबत बनने लगी है। बीते दो दिन से तो हाड़ कंपा देने वाले सर्दी पड़ रही है। पशु चिकित्सकों के अनुसार ज्यादातर पशु कोल्ड स्टेरस की चपेट में हैं। इससे दुधारू पशुओं का दूध काफी कम हो गया है। पशु चिकित्सक बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की पशुपालकों को सलाह दे रहे हैं।
पिछले तीन हफ्ते से सूखी ठंड पड़ रही थी। अब बरसात के बाद ठंड और बढ़ गई है। ठंड से पशुओं का खान-पान कम हो गया है। पशु पालक फूल्ला राम, रोशन सिंह, पालाराम, सुनील कुमार आदि ने बताया कि छोटे पशु ज्यादा ठंड मान रहे हैं। पशु पालकों का कहना है कि शहरी के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले पशु ज्यादा बीमार हो रहे हैं।
15 फीसदी तक गिरा दूध उत्पादन
एसडीओ पशुपालन विभाग डा. सतबीर सिंह का कहना है कि ज्यादा ठंड से पशु परेशान हैं। ज्यादातर पशु कोल्ड स्टे्रस से ग्रस्त हैं। इनमें कमजोर पशु ज्यादा हैं। छोटे पशुओं को निमोनिया, बुखार व विंटर डायरिये का खतरा होने लगा है। डा. सतबीर कहना है कि पशुओं के नीचे सूखा होना चाहिए। इनकी ठंडे फर्श से बचाने का इंतजाम किया जाना चाहिए। पशुओं को बंद जगह पर रखें। हो सके तो इन्हें हलका गर्म पानी पिलाएं। उन्होंने कहा कि पशुओं को ताजे चारे के अलावा गर्म तासीर की चीजें जैसे खल, सरसों का तेल, गुड़ आदि खाने में दें। सुबह जल्दी पशुओं को बाहर न निकालें। एसडीओ का कहना है कि भैंसों के मुकाबले देशी गौवंश की सेहत सर्दी में बिगड़ने का ज्यादा खतरा रहता है। उनका कहना है कि कम से कम दो महीने पूरी एहतियात बरतें।