Haryana : अब गांवों में भी 20 साल पुराने कब्जाधारियों को मालिकाना अधिकार
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 4 फरवरी
हरियाणा के गांवों में पंचायती जमीन पर बरसों से बैठे कब्जाधारियों को अब जमीन का मालिकाना हक मिल सकेगा। यह फायदा उन परिवारों को मिलेगा, जो बीस साल या इससे अधिक समय से मकान बनाकर पंचायती जमीन पर रह रहे हैं। नायब सरकार ने ऐसे परिवारों को जमीन का मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है। इसके लिए मंगलवार को यहां सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हरियाणा विलेज कॉमन लैंड नियमितीकरण एक्ट-1961 में संशोधन को मंजूरी दी है।
पंचायती जमीन पर ऐसे परिवारों को 500 वर्गगज तक जमीन पर बने मकानों का ही मालिकाना हक मिल सकेगा। इसके लिए इन परिवारों को 2004 के कलेक्टर रेट के हिसाब से पैसा देना होगा। पैसा मिलने के बाद जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम हो सकेगी। इसके बाद जमीन की खरीद-फरोख्त भी हो सकेगी। कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया ब्रीफिंग में सीएम ने कहा कि कई बार प्राकृतिक आपदा, जल बहाव और बाढ़ की वजह से लोगों के घर उजड़ जाते थे। गांवों में उन्हें जहां जगह मिलती थी, वे वहां घर बनाकर रहने लगते थे, लेकिन ऐसे घरों के मालिक वे कभी नहीं बन पाए। उनके ऊपर मकान गिराने की तलवार हमेशा लटकी रहती थी। उनके विरोधी लोग कोर्ट में चले जाते थे और कई बार कोर्ट के आदेश भी मकान को गिराने को हो जाते थे। इन सभी समस्याओं को सरकार ने महसूस करते हुए प्रभावित लोगों को राहत देने का बड़ा निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन लोगों ने 20 साल से पंचायती जमीन पर मकान बनाए हुए हैं, उनको कलेक्टर रेट का भुगतान करने पर जमीन और मकान का मालिकाना हक मिलेगा। पांच सौ वर्ग गज तक भूमि पर बने मकानों को यह सुविधा मिलेगी।
ऐसी भूमि को बाद में किसी भी दर पर बेचा जा सकता है। यह सरकार के ऊपर छोड़ा है कि 2004 के कलेक्टर रेट के हिसाब से वह जमीन के रेट निर्धारित करे। पहले अनुमोदन का अधिकार राज्य सरकार के पास था, लेकिन अब डायरेक्टर पंचायत के पास इसका अधिकार होगा। एक साल के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाेगा। कई तो गांव के गांव हैं, जहां लोगों ने पंचायती जमीन पर मकान बना रखे हैं। यमुना व मारकंडा नदियों के किनारे वाले गांवों को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि बाढ़ के बाद लोगों के घर बदल गए थे।
सीएम ने कहा कि सरकार ने सभी कब्जाधारकों को एक साल का समय दिया है। एक साल की अवधि के भीतर यह मकान फीस अदा कर अपने नाम करवाने होंगे। पहले इस तरह के मामले मंत्रिमंडल की बैठक में आते थे और उन पर अंतिम निर्णय लिया जाता था लेकिन अब नियमों में बदलाव करते हुए निदेशक पंचायत विभाग को अधिकृत कर दिया गया है, क्योंकि अब भारी संख्या में केस आएंगे तो उन्हें बारी-बारी से मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं लाया जा सकता।
आढ़तियों को तीन करोड़ से अधिक जारी : प्रदेश सरकार ने आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए रबी खरीद सीजन 2024-25 में नमी के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए तीन करोड़ 10 लाख रुपये जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि रबी फसल खरीद के दौरान आढ़तियों को नमी वाले उत्पादों की खरीद करनी पड़ी थी, जिसके चलते आढ़तियों को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा था।
हरियाणा ने सर्वांगीण विकास के मामले में लगाई ऊंची छलांग
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश ने सर्वांगीण विकास के मामले में ऊंची छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले और 2014 के बाद राज्य के हर कोने में बुनियादी ढांचे से लेकर कल्याणकारी कार्यक्रमों में बहुत बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है और आमजन इन बदलावों को प्रत्यक्ष रूप से महसूस भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द शर्मा और सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के. मकरंद पांडुरंग भी उपस्थित थे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान वहां के लोगों ने बताया कि वे आयुष्मान कार्ड योजना के लाभ से वंचित रहे हैं। दिल्ली के लोगों में वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रति भारी रोष है और वह 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस रोष को निकालने का काम करेंगे।