Happy Birthday Raj Kapoor: "अब तुम सिखाओगी फिल्में बनाना..." जब कृष्णा जी पर भड़क उठे थे राज कपूर
चंडीगढ़, 14 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Happy Birthday Raj Kapoor: बॉलीवुड के शौमेन कहे जाने वाले राज कपूर भले ही इस दुनिया में ना रहे हो, लेकिन अपनी फिल्मों और बातों के जरिए वह हर किसी के दिल में बसते हैं। अपने जमाने में राज कपूर ने बहुत से हिट फिल्में दी। उन्होंने ना सिर्फ अपनी अदाकारी बल्कि डायरेक्शन से भी फिल्मी पर्दे को रोशन किया। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाएंगे जब वो अपनी पत्नी कृष्णा राज कपूर पर चिल्लाए थे।
दरअसल, दिवंगत अभिनेता राज कपूर एक बार अपनी पत्नी कृष्णा राज कपूर पर इसलिए गुस्सा हो गए थे क्योंकि उन्हें राम तेरी गंगा मैली का क्लाइमेक्स पसंद नहीं आया था। एक पुराने इंटरव्यू में उनकी बेटी रीमा जैन ने खुलासा किया था कि उनकी मां की प्रतिक्रिया
पर उनके पिता राज ने कहा था कि क्या कृष्णा उन्हें फिल्में बनाना सिखाएंगी। रीमा ने कहा, "अगर वह कोई सीन शूट करते थे, तो वह उनकी राय पूछते थे। जैसे उन्होंने उन्हें राम तेरी का क्लाइमेक्स दिखाया, जिसमें गंगा (मंदाकिनी) मर जाती है।
मेरी मां ने कहा, ‘गंगा मर गई, पिक्चर फ्लॉप!’ लेकिन उन्होंने दो एंडिंग बना ली थीं और उन्हें दूसरी दिखाई। हालांकि, उन्हें सुधारे जाना पसंद नहीं था। वह कहते थे, ‘अब कृष्णा जी राज कपूर को सिखाएंगी कैसे फिल्म बनानी है’ जब वह छोटी थीं, तो वह उन्हें बिल्लो कहकर बुलाते थे। बाद में उन्होंने सम्मान के तौर पर उन्हें ‘कृष्णा जी’ कहना शुरू कर दिया। 10 ड्रिंक्स के बाद अगर वह उन्हें हद से ज्यादा शराब पीने के लिए डांटती थीं, तो वह चिल्लाकर कहते थे ‘कृष्णा!’"
बता दें कि राम तेरी गंगा मैली (1985) का निर्देशन राज कपूर ने किया था। इस फिल्म में मंदाकिनी और राजीव कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं। राज कपूर और कृष्णा राज कपूर ने 12 मई, 1946 को शादी की थी। वे पांच बच्चों के माता-पिता बने- रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर, और दो बेटियाँ, रितु नंदा और रीमा जैन। एक इंटरव्यू में रीमा ने कहा था, "चाहे जो भी कहा और लिखा गया हो, पापा मां से बहुत प्यार करते थे। सच तो यह है कि वे सारी जिंदगी मां के दीवाने रहे।
हो सकता है कि उन्होंने मां से उस तरह से प्यार न जताया हो जैसा वे चाहती थीं। हो सकता है कि वे उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा न रही हों लेकिन राज कपूर ने जो भी किया वे घर वापिस आ गए। उनके लिए उनका प्यार बेशुमार था। वे उनके पैर भी दबाते थे और मजाक करते थे, 'राज कपूर का क्या हाल बना दिया! मुझे मेरी बीवी के पैर दबाने पड़ रहे हैं। घर की मुर्गी दाल बराबर!" रीमा ने बताया था, "पिता को नए साल का जश्न मनाना बहुत पसंद था क्योंकि उस दिन मां का जन्मदिन भी होता था।"
गौरतलब है कि राज एक अभिनेता, फिल्म निर्माता और फिल्म निर्देशक थे। उन्होंने तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते और कान फिल्म समारोह में दो बार पाल्मे डी'ओर पुरस्कार के लिए नामांकित हुए। उन्हें पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज का जून 1988 में निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया जैसे नील कमल (1947), बरसात और अंदाज़ (1949), सरगम (1950), आवारा (1951), बूट पॉलिश (1954), श्री 420 (1955), संगम (1964), मेरा नाम जोकर (1970)। उन्होंने बॉबी, सत्यम शिवम सुंदरम, प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली जैसी कई फिल्मों का निर्देशन भी किया।