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सीएए लागू होने से पाकिस्तान से आये हिंदुओं में खुशी

09:08 AM Mar 18, 2024 IST
फतेहाबाद में विधायक दूड़ा राम को सम्मानित करते पाकिस्तान से आये हिंदू परिवार के लोग। - हप्र

मोदी, शाह को बताया श्री राम का अवतार

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मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 17 मार्च
भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 लागू होने से फतेहाबाद जिले में रहे पाकिस्तान से आए हिंदू परिवारों में खुशी का माहौल है। फतेहाबाद में लोगों ने मिठाइंया बांट कर खुशी का इजहार किया, तथा अपने बीच पहुंचे फतेहाबाद के विधायक का भी सम्मान किया। 18 वर्ष पूर्व वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आया परिवार यहां रूका और फिर यहीं रह गया। बरसों से शासन और प्रशासन के आगे नागरिकता दिए जाने की गुहार लगाते आ रहे इस परिवार के लोगों ने सीएए लागू होने से राहत की सांस ली है। पिछले 18 साल से सुरक्षा एजेंसियों व गुप्तचर विभाग के निशाने पर रहे इन लोगों को अब उम्मीद जगी है कि वे भारतीय बन जाएंगे। जिला फतेहाबाद के भोडिया खेड़ा, रतिया,जल्लोपुर, रतनगढ़ में करीब दो दशकों से रह रहे इन परिवारों के लोगों ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि भारत की नागरिकता मिलने से उन्हें भी सरकार की ओर से दी जा रही योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

क्या कहते हैं परिवार के सदस्य

परिवार के सबसे बुजुर्ग 78 वर्षीय सोनाराम ने बताया कि वह पाकिस्तान में उनके साथ बेहद बुरा सुलूक किया जा रहा था, जिससे तंग आकर भारत में आकर बस गए, लेकिन यहां की नागरिकता न मिलने के कारण काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ी। दर दर की ठोकरें खानी पड़ी। सोना राम ने बताया कि 16 अप्रैल 2006 में वह अपने परिवार के 23 सदस्यों के साथ 30 दिन का टूरिस्ट वीजा लेकर समझौता एक्सप्रेस में भारत आए थे।
यहां आने के बाद वे रोहतक जिले के गांव मदीना और बहु अकबरपुर में रह रहे उनके रिश्तेदार के पास गए और वहीं रात बिताई। 18 अप्रैल 2006 को ही रोहतक के उपायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर भारत की नागरिकता देने की गुहार लगाई। सोना राम ने बताया कि उनके साथ उनकी पत्नी के साथ उनके 8 बेटे, 3 बेटी तथा दो पुत्रवधू के अलावा पोते, पोती थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में एक अखबार में छपी खबर देखकर रतिया के पूर्व विधायक ज्ञान चंद ओड़ उन्हें रतिया के गांव जल्लोपुर में ले आए, जहां ग्राम पंचायत ने उन्हें रहने के लिए स्थान उपलब्ध करवाया। परिवार मेहनत मजदूरी करके अपना जीवनयापन करता रहा।

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पाकिस्तान में हुये अत्याचार तो भाग आये भारत

पाकिस्तान के जिला व तहसील लयाह के गांव चक मियांवली कदीम चक 157 के रहने वाले सोना राम ने बताया कि जब गांव में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को पता लगा कि उन्होंने सबका वीजा लगवा लिया तो उन्होंने उनकी 10 एकड़ जमीन उनके भाई के नाम करवा दी। बाद में उसे मारकर जमीन पर कब्जा कर लिया। लेकिन किसी तरह वे बाकी सदस्यों के साथ जान बचाकर छिपते भागते, पाकिस्तान के कई शहरों से होते हुआ भारत पहुंच गये। उनका कहना है कि वहां बेटियों को डर के कारण पढ़ाई नहीं करवा पाये। 1992 में बाबरी मस्जिद विवाद के बाद तो उनका जीना दूभर हो गया था। उन्होंने बताया कि वह ओड़ राजपूत हिंदू समाज से है। सोना राम के बेटे पप्पू राम, सुच्चा राम ने पकिस्तान से ही पढ़ाई की है। पप्पू राम ने अपने शरीर पर चाकू लगे होने के निशान दिखाते हुए कहा कि मुस्लिम बच्चों ने मारे थे। पाकिस्तान में सोना राम ने अपने दो बेटों की शादी कर दी थी, बाकी छह बेटों व 3 बेटियों की शादी उन्होंने हिंदुस्तान में आकर की है। उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह को भगवान का रुप बताते हुए कहा कि हमारे जैसे हजारों सताए हुए लोग हैं, जिनको अब अपने देश में जीने का अधिकार मिलेगा। गांव भोडिया खेड़ा में इन परिवारों को विधायक दूड़ा राम के अलावा आरएसएस के पदाधिकारी भी मिलने गए। लगभग 78 साल के बुर्जुग सोना राम ने सबसे हैरानी वाली बात बताई कि हिंदू होते हुए भी उन्होंने भारत आने से पहले किसी हिंदू देवी देवता की तस्वीर तक नहीं देखी थी। 1947 में जन्में सोना राम ने बताया कि इसीलिए जब भारत आए तो वे किसी भी देवी देवता की तस्वीर देखकर यह नहीं बता सके कि ये किसकी तस्वीर है।

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