Gyan ki Baatein : जल्दी-जल्दी खाना खाने पर क्यों टोकती है दादी-नानी? एक्सपर्ट भी करते हैं मना
चंडीगढ़, 2 मार्च (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : दादी-नानी हमेशा अच्छे स्वास्थ्य की सलाह देती हैं। इसी वजह से दादी-नानी अक्सर बच्चों या युवा पीढ़ी को जल्दी-जल्दी, हड़बड़ी या जल्दबाजी में खाना खाने से रोकती हैं क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से खाना ठीक से पचता नहीं है। खाने को ठीक से चबाना और आराम से खाना पाचन के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा, यह आदत पेट की समस्याओं, जैसे कि गैस या एसिडिटी, को बढ़ा सकती है।
ब्रह्म हो जाते हैं नाराज
हिंदू धर्म में भोजन का संबंध मन व आत्मा से माना गया है और अन्न को ब्रह्म कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि अगर भोजन को जल्दबाजी में खाया जाए तो यह ब्रह्म देव व माता अन्नपूर्णा का अपमान करने के सामान होता है। ऐसे में भोजन को हमेशा शुद्ध मन और अच्छी भावनाओ के साथ धीरे-धीरे ग्रहण करना चाहिए। साथ ही भोजन करने से पहले हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम भी करना चाहिए।
जल्दी-जल्दी क्यों नहीं करना चाहिए भोजन?
भारतीय संस्कृति में भोजन को एक पवित्र क्रिया माना जाता है। दादी-नानी यह भी जानती हैं कि अगर हम भोजन को जल्दबाजी में करते हैं, तो न केवल हमारे शरीर बल्कि हमारी आत्मा को भी सही पोषण नहीं मिलता। वे चाहती हैं कि हम भोजन को प्रेम और सम्मान के साथ खाएं, ताकि न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहे, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति भी स्थिर रहे। जब शांतिपूर्वक भोजन किया जाता है तो यह मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
पाचन प्रक्रिया की सही कार्यप्रणाली
भोजन को अच्छे से चबाना और सही तरीके से खाना पाचन में मदद करता है। अगर हम जल्दी-जल्दी खाते हैं तो हम ठीक से चबाते नहीं हैं और भोजन को पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे कब्ज, गैस, पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं इसलिए भोजन को हमेशा धीरे-धीरे और आराम से खाने की सलाह देती हैं, ताकि पाचन तंत्र ठीक से काम कर सके।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव
जल्दी-जल्दी खाना खाने से शरीर में अचानक से ज्यादा भोजन जाता है, जो शरीर को सही तरीके से अवशोषित नहीं हो पाता। इससे न केवल पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं बल्कि वजन बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा रहता है। दादी-नानी हमें यह समझाती हैं कि खाने को धीरे-धीरे और पर्याप्त समय देकर खाने से शरीर को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं और हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होतीं।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।