Gyan ki Baatein : रात को बाल धोने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?
चंडीगढ़, 21 मार्च (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : दादी-नानी अक्सर अपने अनुभवों और परंपराओं के आधार पर कई तरह की सलाह देती हैं, जिनमें से एक है रात के समय बाल ना धोना। अक्सर बड़े-बुजुर्ग व दादी-नानी महिलाओं को रात के समय बाल धोने के लिए मना करती है। यह एक ऐसी परंपरा है जिसे हम अक्सर अपने बचपन में सुनते हैं और कई बार इसे बिना किसी वैज्ञानिक आधार के मानते भी हैं। बहुत से लोग आज भी इस परंपरा को मानती हैं और रात के समय बाल नहीं धोती।
बाल धोने से जुड़ी परंपराएं
हिंदू समाज में बाल धोने से जुड़ी बहुत सी परंपराएं और मान्यताएं रही हैं। दादी-नानी की रात को बाल न धोने की सलाह दरअसल कई पुराने विश्वासों और विचारों से जुड़ी होती है। प्राचीन काल में रात को अंधेरा होने के कारण, यह माना जाता था कि रात के समय इंसान का शरीर और मन कमजोर होते हैं। शरीर में ऊर्जा का स्तर गिर जाता है और इस समय में बुरी आत्माओं या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक पड़ता है।
बुरी आत्माओं का आकर्षण
भारतीय परंपराओं में यह माना जाता है कि रात का समय नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ने वाला समय होता है। रात के अंधेरे में बुरी आत्माएं और छायाएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। यही वजह है कि बाल धोने का काम, जो शरीर के आत्मा से जुड़ा माना जाता है, इसे रात के समय में न करने की सलाह दी जाती है, ताकि कोई नकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर से संपर्क न कर सके।
क्या कहता है विज्ञान?
एक्सपर्ट की मानें तो रात को बाल धोने के बाद सिर गीला रहता है और गीले बालों में सोने से शरीर की गर्मी कम हो सकती है, जिससे जुकाम या खांसी हो सकती है, खासकर सर्दियों में।
बालों की सेहत होती है खराब
रात को बाल धोने के बाद अगर सिर गीला रहता है और फिर सोते वक्त सिर पर पंखा या ठंडी हवा चलती है। इससे बालों में नमी बनी रहती है, जो बालों को कमजोर और रूखा बना सकती है। यह बालों के झड़ने का कारण भी बन सकता है। हालांकि, विज्ञान के अनुसार अगर बाल अच्छे तरीके से धोए जाएं और सुखाए जाएं तोये कोई बड़ी समस्या नहीं है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।