Gyan ki Baatein : चिड़ियो को दाना खिलाना अच्छा होता है... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 3 मार्च (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : चिड़ियों को दाना डालना एक सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे अक्सर दादी-नानी युवाओं को सिखाती हैं। इसके पीछे गहरे आध्यात्मिक और नैतिक महत्व भी छिपे होते हैं। चिड़ियों को दाना डालने के कई कारण हो सकते हैं, जो हमें न केवल प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा देते हैं, बल्कि मानवता की भावना को भी बढ़ाते हैं।
दादी-नानी चिड़ियों को दाना डालने की सलाह देती हैं। यह केवल एक परंपरा नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। इससे लोग प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करने, दया और करुणा की भावना को बढ़ाने, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मार्गदर्शन सीखते हैं।
ग्रह दोष होते हैं दूर
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पक्षियों को दाना डालने से कुंडली के कई ग्रह दोष दूर होते हैं और साथ ही इससे राहु, सूर्य, बुध जैसे कई ग्रह मजबूत होते हैं। इसके अलावा पक्षियों को दाना डालने से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
पितृ दोष से छुटकारा
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पक्षियों को दाना डालने से पितृ दोष दूर होते हैं और इससे पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है। साथ ही इससे परिवार के सदस्यों के बीच का तनाव खत्म होता है।
प्रकृति से जुड़ने का मौका
चिड़ियां पर्यावरण का अहम हिस्सा हैं और उनका अस्तित्व इकोसिस्टम के संतुलन के लिए आवश्यक है। जब हम चिड़ियों को दाना डालते हैं, तो हम उनका पालन-पोषण करते हैं और उनके अस्तित्व को संरक्षित करने में योगदान करते हैं। इस तरह से हम अपने पर्यावरण की रक्षा करते हैं।
मिलता है पुण्य
चिड़ियों को दाना डालने का एक आध्यात्मिक पक्ष भी है। हिंदू धर्म और अन्य धार्मिक परंपराओं में पशु-पक्षियों के प्रति सम्मान और करुणा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि जब चिड़ियों को दाना डालने से आत्मा को शांति और पुण्य मिलता है। पूर्वज इसे एक अच्छे कर्म के रूप में देखते आ रहे हैं। दादी-नानी भी यही समझाती हैं कि यह छोटा-सा कार्य व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाता है और आत्मा को शुद्ध करता है।
इन बातों का ध्यान रखें
- पक्षियों को दाना डालने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि वो स्वच्छ हो।
- किसी भी पक्षी केवल कच्चा चावल खिलाएं। हालांकि आप बाजार से उनके लिए बाजरा आदि लाकर भी खिला सकते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि अगर पक्षियों को सतनजा (सात तरह के अनाजों का मिश्रण) खिलाना चाहते हैं तो सवेरे के समय नदियों के किनारे जाना चाहिए।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।