Gyan Ki Baat: 108 बार क्यों करते हैं गायत्री मंत्र का जाप? जानिए दादी-नानी की सीख का महत्व
चंडीगढ़, 21 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat: हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का बहुत महत्व है। मान्यता है कि गायत्री मंत्र सिर्फ आत्मिक , आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ नेगेटिन एनर्जी को दूर करने में भी मदद करता है।
गायत्री मंत्र का महत्व
गायत्री - तीन प्रकार के दुख हैं... हमारे तीन शरीर हैं, स्थूल शरीर, सूक्ष्म और कारण शरीर और तीनों स्तरों पर दुख है। मानव जीवन को तीनों को पार करना है और यही गायत्री का अर्थ है। गायत्री मंत्र मानव जाति की सबसे बड़ी प्रार्थनाओं में से एक है।
इसमें क्या कहा गया है? मुझे ईश्वर में डूबने दो, और ईश्वर मेरे सभी पापों को नष्ट कर दे। वह ईश्वरीय प्रकाश जो सभी पापों को जला देता है, मुझे उस ईश्वरीय प्रकाश की आराधना करने दो और उसमें डूबने दो। और ईश्वर मेरी बुद्धि को प्रेरित करे।
व्यक्ति के सभी कार्य बुद्धि से होते हैं और अगर आप ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह आपके मन में अच्छे विचार लाए। जब सही विचार आएंगे, तो आपका कार्य हमेशा सही होगा। जब सहज विचार आएंगे, तो आपके कार्य फलदायी होंगे इसलिए सर्वश्रेष्ठ विचार के लिए प्रार्थना करें। मेरा मन, मेरी पूरी जीवन ऊर्जा ईश्वर में डूबी रहे। यही गायत्री मंत्र का महत्व है।
108 बार क्यों करें जाप?
चूंकि नौ ग्रह और बारह नक्षत्र हैं। जब नौ ग्रह बारह नक्षत्रों के चारों ओर घूमते हैं तो यह 108 प्रकार के परिवर्तन लाता है। अगर इन परिवर्तनों में कुछ भी गलत है, तो इसे मंत्रों की सकारात्मक ऊर्जा से ठीक किया जा सकता है।
गायत्री महामंत्र का जाप करने के फायदे
- गायत्री महामंत्र का जाप करने से क्रोध शांत होता है और मन में अच्छे विचार आते हैं, जिससे तनाव दूर रहता है।
- मान्यता है कि घर से बाहर जाते समय 5 या 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करने से समृद्धि और सफलता मिलती है।
- घर बाहर जाते समय छींक आ जाए तो उसे अशुभ माना जाता है। ऐसे में आप मन में गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। इससे सभी अमंगल दूर होंगे।
- अगर रात में बुरे सपने आते हैं तो सोने से पहले 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे स्वप्न दोष दूर होगा।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।