Gyan Ki Baat : मां में सिंदूर भरने के लिए क्यों कहती है दादी-नानी? जानिए इससे जुड़े जरूरी नियम
चंडीगढ़ , 31 जनवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat : हिंदू धर्म में दुल्हन के माथे पर लगाया गया सिंदूर बहुत अहम माना जाता है क्योंकि यह वैवाहित स्त्री के सुहाग की निशानी होती है। माथे पर लगाया जाने वाला सिंदूर या कुमकुम वर्षों पुरानी लोककथाओं और मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह सिर्फ सोलह श्रृंगार का हिस्सा नहीं है बल्कि इसे जीवनसाथी के प्रति सम्मान, प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है।
हालांकि आजकल यह जरूरी रिवाज सिर्फ फैशन का हिस्सा बनकर रह गया है। आजकल महिलाएं फैशन के नाम पर सिर्फ थोड़ा-सा लिक्विड सिंदूर लगाती है जोकि गलत तरीका है। शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को मांग के बीच में लंबा सिंदूर लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे पति की उम्र लंबी होती है। साथ ही इससे महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है।
दादी-नानी आज भी सुहागिन महिलाओं को मांग खाली रखने पर टोकती है और उन्हें सिंदूर भरने के लिए कहती हैं। दादी-नानी की ये मान्यातएं धार्मिक, आध्यात्मिक और पारंपरा को आगे बढ़ाने का काम करती हैं।
चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़े जुरूरी नियम...
सुबह-शाम लगाए सिंदूर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सिंदूर लगाते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। माना जाता है कि ये नियम विवाहित जोड़े के जीवन में सौभाग्य और सद्भाव लाते हैं। सुबह या शाम को सिंदूर लगाएं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। रात में सिंदूर लगाना अशुभ हो सकता है।
साफ हाथों से लगाएं
ध्यान रखें कि सिंदूर लगाने के लिए साफ हाथों का इस्तेमाल करें। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि सिंदूर की डिब्बी और चम्मच साफ और शुद्ध हों।
नहाने के बाद न लगाएं
नहाने या बाल धोने के तुरंत बाद सिंदूर लगाने से बचें। नाक के साथ सममित तरीके से सिंदूर लगाएं। इसे टेढ़ा-मेढ़ा लगाने से आपके पति के लिए दुर्भाग्य आ सकता है।
किसी और का सिंदूर न लगाएं
किसी और का सिंदूर न लगाएं, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। साथ ही बालों में सिंदूर छिपाने से आपके रिश्ते में कलह हो सकती है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।