Gyan Ki Baat : प्रेगनेंसी में क्यों नदी पार करने से रोकती है दादी-नानी?
चंडीगढ़ , 21 जनवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat : मां बनना हर औरत के लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है। जब एक औरत मां बनती है तो परिवार के सारे सदस्य उनकी सेवा में लग जाते हैं , ताकि जच्चा और बच्चा स्वस्थ हो। वहीं, प्रेगनेंसी के दौरान बड़े-बुजुर्ग महिलाओं को कुछ बातों के लिए टोकते भी हैं जैसे मेहंदी मत लगाओ, पेड़ के नीचे जाना, धीरे चलो, रात में बाहर ना निकलना, सीढ़ियां मत चढ़ो आदि।
इसके अलावा दादी-नानी महिलाओं को इस दौरान नदी पार करने से भी रोकती हैं। दादी-नानी के ऐसी बातें भले ही अटपटी या मिथक लग सकती है लेकिन शास्त्र और विज्ञान से इनका गहरा संबंध होता है।
प्रेगनेंसी में क्यों पार नहीं करना चाहिए नदी?
ज्योतिषा एक्सपर्ट के मुताबिक, नदी पर चंद्र ग्रह का शासन होता है, जो स्त्री प्रधान ग्रह है। कहा जाता है कि इसके प्रभाव से प्रेगनेंसी के समय महिलाओं में हार्मोनल चेंजेस बढ़ सकते हैं इसलिए महिलाओं को ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए। कुछ लोग नदियों में ही मृतक की अस्थियां भी विसर्जित करते हैं। ऐसे में नदियों के आस-पास कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा होती है, जो गर्भवती महिलाओं के शरीर या मन को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इस दौरान महिलाओं का वहां जाना वर्जित होता है।
विज्ञान की क्या है राय?
एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेगनेंसी में स्विमिंग करना अच्छा होता है लेकिन गर्भवती महिलाओं लोगों को मीठे पानी के निकायों से बचना चाहिए, जिनमें परजीवी कीड़े हो सकते हैं । ये जीव शिस्टोसोमियासिस का कारण बनते हैं। ये कीड़े तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस, गंभीर निर्जलीकरण और कुपोषण का कारण भी बन सकते हैं।
वहीं, विज्ञान का मानना है कि नदी नाले के पास गंदगी, कूड़ा-कचरा इकट्ठा होता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा नदी के पास मौजूद चिकनी मिट्टी में पैर फिसलकर गिरने का डर रहता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को नदी के पास ना जाने की सलाह दी जाती है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।