Gyan Ki Baat: घर से बाहर शुभ काम के लिए जाने से पहले क्यों दही-चीनी खिलाती हैं दादी नानी?
चंडीगढ़, 16 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat: सनातन धर्म के कई नियम और रीति-रिवाजों का आज भी पालन किया जा रहा है। उन्हीं में से एक है घर से बाहर जाते समय दही-चीनी खाना। अक्सर शुभ काम के लिए घर से बाहर जाते समय बड़े-बुजर्ग दही-चीनी जरूर खिलाती थी लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे का धार्मिक महत्व और वैज्ञानित तर्क...
पांच अमृत तत्वों में एक है दही
हिंदू धर्म के अनुसार, दही-चीनी को पांच अमृत तत्वों में से एक माना गया है इसलिए पूजा-पाठ या भगवान विष्णु के लिए पंचामृत बनाते समय इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, शिवलिंग की पूजा करते समय भी दही-चीनी का इस्तेमाल होता है इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है।
ज्योतिषों की मानें तो दही का सफेद रंग चंद्र ग्रह से संबंधित होता है इसलिए चीनी के साथ इसे खाने से चंद्र ग्रह से शुभ फल प्राप्त होता है, जिससे भाग्य मजबूतऔर मस्तिष्क शात होता है। यही वजह है कि किसी शुभ काम के लिए घर से बाहर जाने पर दादी-नानी दही-चीनी खिलाना शुभ मानती थी।
क्या है वैज्ञानिक तर्क?
सिर्फ धार्मिक नजरिए से ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी दही-चीनी का कॉम्बिनेशन बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन्स जैसे तत्व अपच की समस्या नहीं होने देते। साथ ही यह कॉम्बिनेशन ग्लूकोज का काम करता है, जिससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और तुंरत एनर्जी मिलती है।
दही का मुख्य स्वास्थ्य लाभ इसकी प्रोबायोटिक सामग्री से आता है, जो बेहतर पाचन और आंत के स्वास्थ्य में मदद करता है। इसके अलावा दही कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।