Gyan Ki Baat: दूध पीकर घर से बाहर जाने के लिए क्यों मना करती थीं दादी-नानी?
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat: अक्सर आपने अपनी दादी-नानी को कहते सुना होगा कि दूध पीकर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मगर, क्या आप जानते हैं कि बड़े-बुजुर्ग दूध पीकर घर से बाहर जाने के लिए क्यों मना करते थे और इसे अशुभ क्यों माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं विस्तार से...
दूध पीकर घर से बाहर निकलना अशुभ
मान्यताओं के अनुसार, दूध का संबंध चंद्रमा से होता है जबकि कोई भी व्यक्ति घर से बाहर जाते समय मन (चंद्रमा) के बारे में सोचता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति दूध पीकर घर से बाहर निकलता है उससे चंद्र देव नाराज हो जाते हैं।
चौराहे पर राहु बनाता है चांडाल योग
घर से बाहर जाने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी तरह चौराहा जरूर पार करना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, चौराहे का मालिक राहु है। ऐसे में दूध पीकर बाहर निकलने पर राहु और चंद्रमा के मिलन से चांडाल योग बनता है, जोकि खतरे का संकेत देता है। स्कंद पुराण में भी दूध को अशुभ पदार्थ माना जाता है। माना जाता है कि दूध पीने से यात्रा में नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माएं आकर्षित हो सकती हैं।
विज्ञान का आधार
वहीं, विज्ञान का मानता है कि घर से बाहर निकलने से पहले दूध पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। दरअसल, दूध में भरपूर प्रोटीन और लैक्टिक एसिड होता है, जो शरीर में अपच, गैस और एसिडिटी को बढ़ाता है। ऐसे में यात्रा से ठीक पहले दूध का सेवन करने से सेहत बिगड़ सकती है।
इसके अलावा प्रोटीन और फैट के कारण दूध पीने से शरीर को तुरंत एनर्जी नहीं मिलती और इससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर भी बिगड़ सकता है। इससे आपको थकावट महसूस हो सकती है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। Dainiktribune.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।